महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रखर नेता और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती महाराज के तेरहवीं संस्कार के अवसर पर रविवार को अयोध्या के संतों और विशिष्ट जनों का जमावड़ा लगा। नयाघाट स्थित हिंदू धाम आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और भंडारे में उपस्थित जनसमूह ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है योगदान श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए संतों ने एक स्वर में कहा कि डॉ. वेदांती का संपूर्ण जीवन रामलला के चरणों में समर्पित था। संतों ने कहा कि आज अयोध्या में जो भव्य, दिव्य और नव्य राम मंदिर निर्मित हुआ है, वह डॉ. वेदांती जैसे महानायकों के त्याग और तपस्या का ही प्रतिफल है। राम मंदिर आंदोलन में उनके ऐतिहासिक योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता; उनका नाम इतिहास के पन्नों में सदैव स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। पूर्ण हुआ जीवन का मुख्य संकल्प डॉ. वेदांती के उत्तराधिकारी महंत डॉ. राघवेश दास ने गुरुदेव का स्मरण करते हुए कहा, “महाराज जी का एकमात्र लक्ष्य राम मंदिर का निर्माण देखना था। हमें संतोष है कि उन्होंने अपनी आंखों से रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान होते देखा और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साक्षी बने। उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य पूर्ण हुआ और उनकी यश-कीर्ति हमें सदैव प्रेरित करती रहेगी।”
दिग्गज हस्तियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि इस अवसर पर संतों और राजनेताओं ने महाराज जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से शामिल रहे। प्रमुख संत महंत कमलनयन दास, महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य, जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, स्वामी वल्लभाचार्य, श्रीमहंत धर्मदास, अधिकारी राजकुमार दास। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय। अन्य गणमान्य: महंत जन्मेजय शरण, महंत अवधेश दास, आचार्य सत्येंद्र दास वेदांती, और बड़ी संख्या में नागा साधु व शिष्य।
कार्यक्रम के अंत में महंत डॉ. राघवेश दास ने पधारे हुए सभी संत-महंतों को अंगवस्त्र भेंट कर और विदाई देकर उनका सम्मान किया।