रोहतक :: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 24 सितंबर ‘2025 को अशोक कुमार जाखड़ निस्वार्थी की दो पुस्तकों “निस्वार्थी” भ्रूण हत्या एक दुष्कर्म” और दूसरी “निस्वार्थी”ऑपरेशन सिंदूर “का लोकार्पण हुआ।
इस अवसर पर हरियाणा के जाने-माने साहित्यकार उपस्थित रहे। इन अवसर में मंचासीन सदस्य डॉ. मधुकांत बंसल जी , हलचल हरियाणवी, हनुमान कौशिक उमरावत म्हारी संस्कृति म्हरा स्वाभिमान के सर्वेसर्वा गोपाल कृष्ण विद्यार्थी आल राऊंडर प्रतिभवान टीवी चैनल के प्रोड्यसर, अनेक समाचार पत्रो के पत्रकार अनेक फिल्मो के गीतकार और अशोक कुमार जाखड़ के हरियाणा में प्रथम काव्य सहयोगी गुरु तुल्य विभूति, त्रिलोकचंद फतेहपुरी निस्वार्थी भ्रूण हत्या एक दुष्कर्म के समीक्षक एव् राष्ट्रीय कवि महेंद्र सिंह बिलोटिया, हरियाणा के वरिष्ट साहित्यकार, श्री खेमचंद सहगल कृष्णा देवी साहित्य मंच झज्जर के संस्थापक हरियाणा साहित्य अकादमी से समानित विद्वान रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता बहादुरगढ़ के गजलकार कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने की।
इस अवसर पर दो पुस्तकों की समीक्षा की गई,” निस्वार्थी” भ्रूण हत्या: एक दुष्कर्म” की समीक्षा त्रिलोकचंद फतेहपुरी ने की और “निस्वार्थी” ऑपरेशन सिंदूर” की समीक्षा डॉक्टर चंद्रदत्त शर्मा रोहतक ने की।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह रही कि पहली बार लेखक से छात्रों ने संवाद किया और लेखक अशोक कुमार जाखड़ ने उनको संतुष्ट भी किया।
इसके अतिरिक्त वहां उपस्थित सभी साहित्यकारों को निस्वार्थी मंच की ओर से सम्मान पत्र भेंट किया गया और वहां उपस्थित सभी संस्थाओं के संस्थापकों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
सभी साहित्यकारों ने अपनी प्रतिनिधि रचना प्रस्तुत की जो बहुत उच्चकोटि की रही। यह कार्यक्रम हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की रूपरेखा बहुत ही सुनियोजित ढंग से व्यवस्थित ढंग से की गई थी।
मंच संचालन जगबीर कौशिक रिटा. इंसपेक्टर बीएसएफ ने किया। कार्यक्रम में जलपान की सुचारू व्यवस्था की गई।
इस पुस्तकों के लोकार्पण और सम्मान सामारोह में उपस्थित कविगण जिन्होंने अपनी रचनाएं और उपस्थिति दर्ज की, इस प्रकार रहे: डाँ सुशीला जांगडा महरी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के सरस्वती वंदना और स्वागत गीत से शुभारम्भ, डॉक्टर मधुकांत, प्रो डाँ पुष्पा, अशोक कुमार जाखड़ निस्वार्थी , मास्टर श्री निवास शर्मा, डॉक्टर चंद्रदत्त शर्मा, सत्यवान सत्य, अशोक कुमार ढोरिया, संदीप शर्मा बावरा,संदीप रिठालिया , डॉक्टर सत्यवीर निराला, डॉक्टर अशोक मंगलेश, जगदीश चंद्र पांचाल ,
आजाद हिंद आजाद जुलानी, रानी सोनिया पांचाल, धर्मबीर सिंह नागर, कृष्ण लाल गिरधर, खेमचंद सहगल, त्रिलोकचंद फतेहपुरी, प्रोफेसर श्यामलाल ,बलबीर सिंह ढाका, कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ,डॉक्टर देवी राम शर्मा ,रोशन लाल साल्हावास, मास्टर पूरन सिंह ढाणा,राम रतन दास बाबा जी ढाणा,,आशा लता खत्री, डॉक्टर अनिल कुमार ,डाँ रणधीर सिंह एमडीयू रघवीर शर्मा मदीना आदि सभी कवि कवयित्री ने एक से बढकर एक कविता प्रस्तुत करते हुए शमां बांधकर खुब वाही वाही लुटी और दर्शकों से तालियां बजवाई कार्यक्रम का समापन गोपाल कृष्ण जी के उद्वबोधन एवं उनकी पुस्तक भगत सिंह के आँसू के एक गीत से हुआ।