कांग्रेस ने कमर कसी, संगठन की मजबूती पर जोर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते छह दिनों से लगातार जोनवार कार्यशालाओं के जरिए कांग्रेस का “संगठन सृजन अभियान” अब पूरी ताक़त के साथ 2027 के विधानसभा चुनाव की ओर अग्रसर होता दिख रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने सोमवार को लखनऊ में कहा कि यह महज कार्यकारिणी गठन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक प्रदेश व्यापी परिवर्तन अभियान है, जिसकी परिणति आगामी विधानसभा चुनाव में होगी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगामी पंचायत चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और यहीं से 2027 की जंग का शंखनाद होगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि जो कार्यकर्ता इन कार्यशालाओं से तैयार हो रहे हैं, वही बदलाव के वाहक बनेंगे।16 जुलाई को मेरठ से शुरू हुई समीक्षा बैठकों का यह सिलसिला ब्रज क्षेत्र के अलीगढ़, बुंदेलखंड के झांसी, प्रयाग जोन के प्रयागराज और पूर्वांचल के गोरखपुर होते हुए अवध क्षेत्र के लखनऊ में सोमवार को समाप्त हुआ। लखनऊ की बैठक खास रही, क्योंकि इसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्मदिन भी था। इस अवसर पर केक काटकर उनके दीर्घायु की कामना की गई।अविनाश पाण्डेय ने कहा कि 23 मार्च से प्रारंभ यह संगठन सृजन अभियान 15 अगस्त 2025 तक बूथ स्तर तक पूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यशालाएं सभी 75 जिलों में आयोजित होंगी।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जनता अब भाजपा सरकार से पूरी तरह त्रस्त है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और रोजगार हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हो रही है। राय ने बताया कि 22 जुलाई को प्रदेश के सभी तहसील, ब्लॉक और जिला मुख्यालयों पर बिजली कटौती, महंगी दरों और खरीफ की फसल की बुआई के समय यूरिया की किल्लत जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेंगे।बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद पीएल पुनिया, एपी गौतम, रविप्रकाश वर्मा, विधायक वीरेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, योगेश दीक्षित, दिनेश कुमार सिंह, अनिल यादव और डॉ. प्रमोद पाण्डेय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता का एक प्रेरणादायक उदाहरण तब सामने आया, जब आज़मगढ़ के पल्हना ब्लॉक अध्यक्ष लल्लन मौर्य कार्यशाला में भाग लेने के लिए बारिश में मोटरसाइकिल से गोरखपुर जा रहे थे और रास्ते में दुर्घटना में घायल हो गए। जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय और अजय राय स्वयं उनका हाल जानने पहुंचे। मौर्य इस बात से व्यथित थे कि वह बैठक में शामिल नहीं हो पाए। यह उदाहरण बताता है कि कांग्रेस का जमीनी कार्यकर्ता आज संगठन के लिए कितनी निष्ठा से खड़ा है।कुल मिलाकर कांग्रेस का यह अभियान अब महज़ बैठकों से आगे बढ़कर ज़मीनी बदलाव की दिशा में संगठित और सक्रिय होता दिख रहा है। 2027 में सत्ता परिवर्तन की चुनौती के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश और उम्मीद जगी है।
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