स्पर्श यानि गले लगाना ,प्यार से सिर सहलाना, एक ऐसा एहसास है जिससे सिर्फ शरीर ही नहीं, मन और आत्मा भी आराम पाती है l
एक स्पर्श (हग/गले लगाना) की महत्वता एक भावनात्मक कहानी के माध्यम से बताती हूं …
सुबह का समय था, अस्पताल की दीवारें खामोश थीं, पर अंदर बहुत कुछ चल रहा था। डॉक्टर, नर्सें, और मरीजों के बीच भागदौड़ थी। उन्हीं सब के बीच एक कोना था – जहाँ एक बुज़ुर्ग महिला, शकुंतला देवी, अकेली बैठी थीं। आँखें खाली, और दिल में कोई बेचैनी।
डॉक्टरों ने कहा था – “शारीरिक रूप से सब ठीक है, पर यह ‘अकेलापन’ इन्हें खा रहा है।”
हर दिन की तरह उस दिन भी एक नर्स आई – नाम था “माया”। वह बस शकुंतला जी के पास बैठ गई। कोई दवा नहीं, कोई सलाह नहीं। बस धीरे से उनका हाथ पकड़ा… और उन्हें गले से लगा लिया।
शकुंतला जी की आँखों से आंसू बह निकले। वर्षों बाद किसी ने यूँ बिना कहे उन्हें ‘महसूस’ किया था।
अगले कुछ दिनों में उनकी हालत में सुधार दिखा। वे मुस्कुराने लगीं, बातें करने लगीं। डॉक्टरों ने पूछा – “कौन सी दवा दी उन्हें?
“माया मुस्कुराई – “सिर्फ एक ‘स्पर्श’।”
गले लगना या किसी का हाथ थामना कोई छोटी बात नहीं है। यह ऑक्सिटोसिन नामक हार्मोन को बढ़ाता है, जिसे ‘लव हार्मोन’ भी कहते हैं। यह हमारी नर्वस सिस्टम को शांत करता है, तनाव घटाता है, दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है, और हमें सुरक्षा का एहसास कराता है।
यह सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक और भावनात्मक उपचार भी है। एक सच्चा गले लगना किसी भी दवा से अधिक असरदार हो सकता है – खासकर तब जब शब्द कम पड़ जाते हैं l
स्पर्श कोई सामान्य चीज़ नहीं है। यह एक भाषा है – बिना शब्दों वाली। जब हम किसी को गले लगाते हैं, तो हम कहते हैं – “मैं हूँ तुम्हारे साथ।”
शब्द झूठ बोल सकते हैं, पर एक सच्चा स्पर्श नहीं।
*”प्रेम की भाषा शब्द रहित है”*
~~जॉन कीट्स
नेहा वार्ष्णेय
(Motivational healer)