उन्मुक्त उड़ान मंच

 

उन्मुक्त उड़ान मंच

साप्ताहिक रचना श्रृंखला : “बारिश का मौसम”

 

उन्मुक्त उड़ान साहित्यिक मंच द्वारा इस सप्ताह का समसामयिक विषय “बारिश का मौसम” निर्धारित किया गया था, जिस पर लघुकथा लेखन का आयोजन किया गया। इस श्रृंखला में 25 रचनाकारों ने विविध भावभूमियों पर आधारित छोटी-छोटी कथाओं के माध्यम से पाठकों का मन मोह लिया।

कहीं कथाओं में पिता-पुत्री के प्रेम की मधुर वर्षा हुई, कहीं बचपन की स्वच्छंद उड़ानें बरसीं। कुछ रचनाओं में हरियाली में नाचते मोर झूमे, तो कहीं मानव और पशु के बीच की आत्मीय डोर को भावपूर्ण ढंग से रेखांकित किया गया। जैसे वर्षा की पहली फुहार तपती धरती पर गिरकर सौंधी खुशबू से वातावरण को महकाती है, वैसे ही इन रचनाओं ने साहित्यिक फिज़ा को सुरभित कर दिया।

डॉ. अनीता राजपाल ‘अनु वसुंधरा’ के सारगर्भित विषय-निर्धारण और मंच की संरक्षिका डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ के कुशल मार्गदर्शन में यह आयोजन जैसे जेठ की तपिश में शीतल फुहार बनकर आया।

विचार-श्रृंखला में भाग लेने वाले रचनाकारों में:

मंजुला सिन्हा, सुनीता तिवारी, संगीता चमोली ‘इन्दुजा’, नीरज शर्मा, नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’, इन्दिरा गुप्ता ‘यथार्थ’, दिनेश जैन, डॉ. पूनम सिंह, वीरेंद्र जैन, संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’, दिव्या भट्ट ‘स्वयं’, विनीता नरूला ‘प्रसन्ना’, अनु तोमर ‘अग्रजा’, सुरेश सरदाना, अशोक दोशी ‘दिवाकर’, अरुण ठाकर, अनीता राजपाल ‘अनु वसुंधरा’, सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’, स्वर्णलता सोन ‘कोकिला’, शिखा खुराना ‘कुमुदिनी’, किरण भाटिया ‘नलिनी’ एवं राज कुमार ‘मानव’ शामिल रहे, जिन्होंने अपने-अपने अनूठे अंदाज़ में इस विषय को कहानी रूप में उकेरा।

डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ की लघुकथा विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिसमें उन्होंने वर्षा की मधुरता के साथ-साथ उससे जुड़ी चुनौतियों को भी संवेदनशीलता से प्रस्तुत कर एक प्रेरक संदेश दिया।

स्वर्ण लता सोन ‘कोकिला’, सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’, अशोक दोशी ‘दिवाकर’ के मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन से रचनाकारों की लेखनी में सशक्तता आयी।

सप्ताह के अन्य कार्यक्रमों में, ‘बालश्रम निषेध’ विषय पर प्रस्तुत रचनाओं में बाल-मन की जिज्ञासा और शोषण के प्रभाव का संतुलित और मार्मिक चित्रण हुआ। ‘घन’ विषय पर गीतात्मक शैली में रचित जलहरण घनाक्षरी की प्रस्तुतियाँ अत्यंत कर्णप्रिय रहीं।

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे में दिवंगत आत्माओं की स्मृति में मंच के दो दिवसीय कार्यक्रम स्थगित किए गए और अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम के समापन पर, सभी चयनित एवं सम्मानित रचनाकारों को सम्मान पत्र प्रदान किए गए, जिनकी कल्पना और अलंकरण नीरजा शर्मा ‘अवनि’ और नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’ द्वारा किया गया।

संजीव भटनागर “सजग”व कृष्ण कांत मिश्र कमल के सहयोग से ही ये आयोजन जन जन तक पहुँचाने का प्रयास हुआ।

उन्मुक्त उड़ान मंच का यह साप्ताहिक आयोजन केवल एक बारिश के मौसम में आनंद का साहित्यिक संवाद नहीं रहा, अपितु बालश्रम निषेध के प्रति जन-जागरूकता और सामाजिक ज़िम्मेदारी का एक सशक्त आह्वान भी बना।

– उन्मुक्त उड़ान मंच