🔥🔥ओ३म् 🔥🔥
*सत्संग का अमृतपान*
आर्यावर्त्त साधना सदन पटेल नगर दशहराबाग बाराबंकी के तत्वाधान में चल रही 📚 पावन गायत्री कथा📚के अंतर्गत *गायत्री साधना शिविर का १५वां दिन* सम्पन्न हुआ।
जनपद के विभिन्न क्षेत्रों व ग्रामीण अंचल से आकर *नर-नारी गायत्री मंत्र के एक-पद का रहस्य* जानकर भाव विभोर हो रहे हैं।
*आज का मंत्र चिंतन*
गायत्री मंत्र की द्वितीय महा-व्याहृत्ति 🌹 *ओ३म् भुव:* 🌹 का अर्थ बताते हुए बताया कि परमात्मा अपने भक्तों के दु:खों को दूर करता है।दु:ख तीन प्रकार के होते हैं। *एक आध्यात्मिक।दूसरा आधिभौतिक और तीसरा आधिदैविक दु:ख*
आध्यात्मिक दुख का कारण मनुष्य की अपनी गल्तियां हैं।जिसमें *आहार सबसे बड़ा* कारण है।आहार का मतलब भोजन से है। *जैंसा खायेंगे अन्न वैंसा बनेगा मन*।वर्तमान युग में लोग तीन प्रकार से भोजन कर रहे हैं। *एक परिवार का भोजन।दो होटल का भोजन और तीन सत्संग का भोजन।*
🪷परिवार का भोजन🪷
परिवार में माता ,बहन,धर्मपत्नी भोजन बनाती है जिसमें ममता,स्नेह व कर्तब्य भावना होती है।
🪷 होटल का भोजन🪷
होटल के तीन अटल सिद्धान्त हैं *[१] आओ! [२] पैंसा लाओ!! [३] जो मर्जी खाओ !!!*
जो लोग होटलों में अधिक खाते हैं वो धन को ही धर्म मानने लगते हैं।बच्चे जब माता पिता से धन लेकर होटलों में खाने की आज्ञा पा जाते हैं तब उनकी घर के भोजन में रुचि कम हो जाती है।वो बच्चे माता पिता से बढ़कर धन को अधिक प्रेम करने लगते हैं।होटल का अन्न धन प्रधान होता है भावना प्रधान नहीं।संक्षेप में होटल में धन का टोटल होता है।
🪷सत्संग का भोजन🪷
एक हलवा घर का।एक होटल का एक सत्संग का होता है।पुरुषार्थ की कमाई से षरिवार में बने हलवे को खाने से *परिवार में प्रेम बढ़ता है।* यदि होटल में खाते हैं तो *मन बिल पर ही लगा रहता है* दुबारा खाना है तो फिर दुबारा अलग से बिल देना पड़ता है।मगर जब आप *सत्संग का हलवा खाते हैं तब आपके भाव इतने पवित्र हो जाते है कि आप उसे हलवा नहीं प्रसाद* कहते हैं।
इस प्रकार ईश्वर भक्त वही होता है जिसका आहार *स्वाद वर्धक नहीं स्वास्थ्य वर्धक* होता है।योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान ने गीता *अध्याय-६/१७* में कहा है।
*युक्ताहार विहारस्य,युक्त चेष्टस्य कर्मसु।*
*युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दु:खहा!!*
अर्थात् हे अर्जुन! जो व्यक्ति नियमित रुप से आहार लेता है।चलता फिरता है।शूभ कर्मों में लगा रहता है।समय से सोता व जगता ऐसे व्यक्ति के दु:ख दूर हो जाते हैं वो योगी बन जाता है।
🍁आज के भजन🍁
पुरोहित *आर एन गुप्ता। शिक्षिका मञ्जू अवस्थी। सरस्वती देवी व पंडिता रुक्मिणी शास्त्री* जी ने आज मधुर भक्ति के गीत गाए।
🌹 *मुख्य अतिथि* 🌹
आज *गायत्री साधना प्रशिक्षण शिविर* के मुख्य अतिथि महान गो भक्त,गोशाला संचालक,आर्य समाज रसौली बाराबंकी के संरक्षक आदरणीय *शांति स्वरुप आर्य* सपरिवार उपस्थित रहे!
कल की पावन गायत्री कथा में त्रि -संताप के क्रम में *आधिभौतिक व आधि दैविक दु:खो* का व्यावहारिक ज्ञान कराया जायेगा! इस कथा को सुनकर लोगों की *सनातन वैदिक संस्कृति* के प्रति जागरुकता बढ़ रही है।
*आचार्य सुरेश जोशी*