क्या है पर्यावरण – मुकेश कविवर

क्या है पर्यावरण

प – प्रकृति की गोद में हम रहते…

प्रकृति की गोद में हम रहते,

हर पल उसके साथ जुड़े रहते।

पेड़ों की छाया, नदियों का जल,

प्रकृति की सुंदरता हमें सबल।

 

र – रक्षा करते हमें इसका हमें…

रक्षा करते हमें इसका हमें,

पर्यावरण की रक्षा हमारा धर्म है।

प्रदूषण कम करें, वृक्ष लगाएं,

भविष्य के लिए हमारा प्रयास।

 

य – युगों से चली आ रही धरोहर…

युगों से चली आ रही धरोहर,

प्रकृति की देन है हमारी संस्कृति।

संरक्षण करें इसका हम साथ,

भविष्य के लिए इसका महत्व।

 

अ – अपनी जिम्मेदारी समझें हम सब…

अपनी जिम्मेदारी समझें हम सब,

पर्यावरण की रक्षा हमारा कर्तव्य है।

प्रदूषण कम करें, वृक्ष लगाएं,

भविष्य के लिए हमारा प्रयास।

 

व – वृक्ष लगाएं, प्रदूषण कम करें…

वृक्ष लगाएं, प्रदूषण कम करें,

पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं।

हरित भविष्य के लिए हम काम करें,

प्रकृति की रक्षा हमारा धर्म है।

 

रण – रणनीति बनाएं पर्यावरण की रक्षा के लिए…

रणनीति बनाएं पर्यावरण की रक्षा के लिए,

एकजुट होकर हम काम करें।

प्रदूषण कम करें, संसाधनों का सही उपयोग,

भविष्य के लिए हमारा प्रयास।

 

व – विकास और पर्यावरण का संतुलन…

विकास और पर्यावरण का संतुलन,

भविष्य के लिए हमारा निधान।

प्रगति और प्रकृति का मेल,

संतुलित विकास हमारा लक्ष्य।

 

ण – नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करें…

नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करें,

भविष्य के लिए हमारा प्रयास।

सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का उपयोग,

पर्यावरण की रक्षा हमारा विश्वास।

 

स्वरचित एवं मौलिक भाव

मुकेश कविवर केशव सुरेश रूनवाल