ग्राम्य विकास में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य, मनरेगा ने बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था

लखनऊ उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में ग्राम्य विकास विभाग ने कई योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे प्रदेश इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मनरेगा योजना के तहत प्रदेश ने रोजगार देने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया है, जिससे लाखों ग्रामीण परिवारों को सीधा लाभ मिला है।प्रदेश सरकार ने बीते आठ वर्षों में मनरेगा योजना को मजबूत आधार बनाकर गांवों में व्यापक बदलाव किए हैं। वर्ष 2017-18 से अब तक इस योजना के अंतर्गत 73,129 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 32.89 करोड़ मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं, जो 26 करोड़ के निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने इस योजना में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
महिलाओं की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वर्ष मनरेगा के तहत सृजित 32.89 करोड़ मानव दिवस में 13 करोड़ से अधिक महिलाओं का योगदान है, जो कुल आंकड़े का 42 प्रतिशत है। वर्ष 2017-18 से अब तक महिलाओं द्वारा 87.66 करोड़ मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। महिला मेट योजना के तहत प्रदेश में महिलाओं को प्रबंधन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी जा रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त हो रही हैं।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उत्तर प्रदेश में लाखों परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 5,70,251 परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिला है, जबकि वर्ष 2017-18 से अब तक 32 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ दिया गया है। दिव्यांगजन भी इस योजना के तहत रोजगार पा रहे हैं, और बीते आठ वर्षों में 1.26 लाख से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है।प्रदेश सरकार गांवों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी केंद्र, खेल मैदान, पंचायत भवन, नालियां, खड़ंजा, सीसी रोड, स्कूल बाउंड्री और खाद्यान्न भंडारण हेतु अन्नपूर्णा भवन बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक 5,400 से अधिक खेल मैदानों का निर्माण पूरा किया जा चुका है, जबकि 14,000 से अधिक निर्माणाधीन हैं। वर्ष 2017-18 से अब तक 21,000 से अधिक खेल मैदान तैयार किए गए हैं।ग्रामीण इलाकों में खाद्यान्न भंडारण के लिए अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण भी तेज गति से किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 3,965 से अधिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, जिनमें से कई पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। इन भवनों को पूर्ति विभाग के मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है, जिसमें जनसेवा केंद्र भी संचालित होंगे।ग्राम्य विकास विभाग योजनाओं की निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है। एरिया ऑफिसर एप, ड्रोन तकनीक और मनरेगा लोकपाल जैसी व्यवस्थाओं के माध्यम से कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि देश तभी समृद्ध होगा, जब गांव समृद्ध होंगे। इस दिशा में सरकार की नीतियों ने ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी है। ग्रामीणों को रोजगार देने, बुनियादी सुविधाओं में सुधार करने और आधुनिक तकनीकों से योजनाओं की निगरानी करने के प्रयासों से प्रदेश लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह पहल स्थानीय लोगों को बेहतर जीवनयापन के अवसर देने के साथ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ओर अग्रसर कर रही है।