💐💐 ओ३म् 💐💐
🌼 *एक आदर्श जीवन दर्शन*
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वर्ष के 🍐 ३६५ 🍐 दिन अपने घर से २० किलोमीटर की यात्रा करके प्रात: ७ बजकर ३० मिनट पर *आर्य समाज मंदिर सैजपुर* के 🍁 सत्संग 🍁 में भाग लेना। पुन: ९ बजे घर से लाया हुआ पवित्र नाश्ता विद्वानों को कराकर ही घर को जाना उनकी दैनिक दिनचर्या *[९५] पन्चानब्बे वर्ष की आयु* में होती है।
केवल समाज में ही नहीं अपितु प्रतिमाह विद्वानों को आर्य समाज से अपने घर में बुलाकर *सपरिवार वैदिक सत्संग सुनना भी उनकी नियमित दिनचर्या* का ही एक अंग है। इस वीडियो में भी आप देखेंगे वह *महान विभूति* अपने परिवार के साथ बैठकर 🥝 *सत्संग का आनंद*🥝 उठा रही हैं।
आपके मन में कौतूहल हो रहा होगा कि आज के भौतिकवादी युग में सभी सुख सुविधाओं में रहते हुए भी *कौन है वो महान आत्मा?* जो 🌻 जीवन के ९५ वें वसंत 🌻 में सत्य सनातन धर्म के प्रचार के लिए तन-मन-धन से समर्पित है।तो आइए उनका परिचय देते हैं।
आप हैं स्वनाम धन्य आर्य समाज सैजपुर बोघा के संस्थापक *महाशय स्व० गुरुदासमल की धर्मपत्नी।आदरणीय संरक्षक आर्य समाज सैजपुर बोघा के हरिभाई,मोहन भाई,सोहन भाई,बहन विद्यावती व बहन गायत्री जी की पूज्या मातुश्री कलावती देवी जी* । संपूर्ण विश्व के आर्य समाजों में एकमात्र आर्य समाज है 🌻 *आर्य समाज मंदिर सैजपुर बोघा अहमदाबाद गुजरात*🌻 जहां वर्ष के [३६५] दिन दोनों समय गो-घृत से यज्ञ व सत्य सनातन वैदिक धर्म का प्रचार होता है।आर्य जगत के लिए यह अत्यंत गौरव की बात है।जनपद के अन्य आर्य समाजों में भी यहां के विद्वान प्रत्येक रविवार में अतिरिक्त समय दान करके वैदिक धर्म का प्रचार- प्रसार करते है।प्रतिमाह एक नये विद्वान यहां प्रचार करने आते हैं।
आर्य समाजें इस समाज से प्रेरणा लेकर स्वयं भी अपने-अपने जनपद में यह अभियान प्रारंभ करें तो ✍️ *कृष्णवंतो विश्व आर्यम* ✍️ का स्वप्न साकार हो जायेगा!
आचार्य सुरेश वैदिक प्रवक्ता
*प्रवासीय कार्यालय सैजपुर*
अहमदाबाद गुजरात!