राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर

नईदिल्लीसंसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 19 दिसंबर को सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच परिसर में धक्का-मुक्की हुई थी।इस दौरान भाजपा के 2 सांसद घायल हो गए थे, जिन्होंने धक्का-मुक्की का आरोप कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर लगाया था और एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।अब जानकारी सामने आ रही है कि राहुल के खिलाफ दर्ज हुआ यह मामला जांच के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपा जा सकता है।
19 दिसंबर की रात संसद मार्ग थाने में राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 131 (आपराधिक बल प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।दिल्ली पुलिस मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए राहुल को तलब कर सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बैठक करेंगे। इसमें फैसला लिया जाएगा कि मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपना है या नहीं।पुलिस लोकसभा सचिवालय से धक्का-मुक्की वाले स्थान की सीसीटीवी फुटेज भी मांग सकती है। बता दें कि राहुल के खिलाफ एफआईआर में धारा 117 को छोड़कर सभी धाराएं जमानती हैं।धारा 117 में सजा चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है, जो 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
आरोपों पर राहुल ने कहा, ये सदन का प्रवेश द्वार है और मैं अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। भाजपा के सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे, मुझे धकेल रहे थे, मुझे धमका रहे थे। वे लकड़ियां लिए थे और हमें रोक रहे थे। सीढ़ियों पर वे डंडा लिए खड़े थे। धक्का-मुक्की से कुछ होता नहीं है। संसद में जाना हमारा अधिकार है। भाजपा के सदस्य हमें अंदर जाने से रोक रहे थे।
19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में इंडिया गठबंधन के सांसद संसद में मार्च निकाल रहे थे। इधर भाजपा सांसद भी मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।इस बीच दोनों पक्ष के सांसद आमने-सामने हो गए और नारेबाजी होने लगी। जब इंडिया के सांसद सदन में जाने लगे तो धक्का-मुक्की हुई और भाजपा सांसद मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी घायल हो गए। बाद में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।