18 नवंबर को श्रीराम का तिलकोत्सवः प्रभु की ससुराल जनकपुर से अयोध्या आएंगे 251 तिलकहरू, 501 तरह के नेग लाएंगे

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या।अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को प्रतिवर्ष अयोध्या में राम विवाह का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। दशरथ महल, कनक भवन और रंग महल सहित 10 से ज्यादा मंदिरों से रामबारात बहेद भव्यता के साथ निकलती है। इस देश-विदेश के लाखों भक्त बड़े ही श्रद्धा और विश्वास के साथ न केवल शामिल होते हैं।बल्कि महोत्सव की एक, एक परपंरा का निर्वहन कर परम आनंद का अनुभव करते हैं। विवाह पंचमी के दिन माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह लेकिन इस वर्ष पहली बार प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम के तिलकोत्सव का भी आयोजन किया गया है। जिसमें जनकपुर से बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचेंगे और तिलकोत्सव का कार्यक्रम शामिल होंगे। विवाह पंचमी पंचमी के दिन आयोजित होने वाले प्रभु श्रीराम और माता सीता के विवाह की तैयारियां तेज हो गई है। अयोध्या से बड़ी संख्या मे साधु संत और अयोध्या वासी बाराती बनकर जनक पुर जाते है और विवाह पंचमी के दिन विधि विधान के साथ माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह संपन्न होता है। विवाहोत्सव से पूर्व इस बार प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव विवाहोत्सव से पूर्व इस बार प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव का भी आयोजन होगा। जनकपुर से माता सीता के राजमहल से तिलक सामग्री भेजी जा रही है। प्रभु श्रीराम की ससुराल जनकपुर से पहली बार 251 तिलकहरू 501 प्रकार के नेग सामग्री के साथ 16 नवम्बर को चलकर 17 नवम्बर को अयोध्या पहुंच नवम्बर को चलकर 17 नवम्बर को अयोध्या पहुंच जाएंगे और 18 नवम्बर को तिलकोत्सव का आयोजन होगा। नेग में परिधान, आभूषण, विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न, मेवा, फल आदि शामिल होंगे। तिलकोत्सव को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि नेपाल के लोग आज भी राम विवाह की परंपरा की बेहद भाव से मनाते हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में वहां से 500 लोग अनेक उपहरों को लेकर आए थे। अयोध्या से जनकपुर राम बारात पहुंचने से वहां महिलाएं विवाह की गारी गाकर स्वागत करती हैं। विहिप के केंद्रीय मंत्री यहां से राजा दशरथ बनकर जा चुके हैं। आधुनिकता के दौर में भी प्राचीन मूल्यों का महत्व जनकपुर से सीखा जा सकता है।