_हृदयोद्गार_
धरती है कितनी रसवन्ती।
धन्वन्तरि की आज जयन्ती।
आयुर्वेद के थे निर्माता ।
दर्शन के भी थे व्याख्याता,
कर्मठता से जग महकाये ।
सब उनको भगवान बताए ।
किया रोग का पूर्ण शमन ।
तुमको है शत् बार नमन,
तुमने जड़ता दूर भगाया ।
जनमानस को सुख पहुंचाया ।
तुम हो चिकित्सकों की शान ।
जय हो धन्वन्तरी भगवान ।
मन में “वर्मा” खुशियाँ भरता।
श्रद्धा सुमन समर्पित करता ।
_*डा. वी. के. वर्मा*_
_आयुष चिकित्साधिकारी_
_जिला चिकित्सालय बस्ती_