देव वैद्य’ आरोग्य देव धन्वंतरि की प्रगट तिथि है आज – डॉ अर्चना दुबे 

भगवान धन्वंतरि मानव के लिए वरदान – डॉ नवीन सिंह 
बस्ती। अखंड संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में आस्था आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर चिकित्सा केंद्र कटेश्वर पार्क पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन धनवंतरी दिवस मनाया गया इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि अखंड एक्यूप्रेशर रिसर्च ट्रेंनिंग एंड ट्रीटमेंट इंस्टीट्यूट प्रयागराज की अध्यक्ष डॉ अर्चना दुबे ने ब्रह्मऋषि स्व० माता प्रसाद खेमका व भगवान धनवंती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वल किया और कहा कि भगवान धन्वन्तरि जी का जन्मोत्सव कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, देव-दानवों द्वारा क्षीर सागर का मंथन करते समय भगवान धन्वन्तरि संसार के समस्त रोगों की औषधियों को कलश में भरकर प्रकट हुए थे। उस दिन त्रयोदशी तिथि थी। यह तिथि भगवान धन्वंतरि जयंती महोत्सव के नाम से प्रसिद्ध है। विशेष कर आयुर्वेद के विद्वान तथा वैद्य समाज की ओर से इस दिन भगवान धन्वंतरि जी का पूजन किया जाता है। ये भगवान विष्णु जी के ही अवतार माने गए हैं जो समस्त प्राणियों को रोगमुक्त करने के लिए प्रकट हुए।
संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक डॉ नवीन सिंह ने कहा श्रीमद् भागवत महापुराण में वर्णित कथानुसार जब देवताओं और असुरों ने अमृत की इच्छा से समुद्र मंथन किया तब उसमें से एक अत्यंत अलौकिक पुरुष प्रकट हुए। गले में माला, अंग-अंग सब प्रकार के आभूषणों से सुसज्जित, शरीर पर पिताम्बर, कानों में चमकीले मणियों के कुंडल, तरुण अवस्था, अनुपम सौंदर्य, उन दिव्य पुरुष की छवि बड़ी अनोखी थी। वह साक्षात भगवान विष्णु के अंशांश अवतार थे।
उनके हाथों में अमृत से भरा हुआ कलश था। वही आयुर्वेद के प्रवर्तक और यज्ञभोक्ता धन्वंतरि के नाम से सुप्रसिद्ध हैं।  इन्हें आयुर्वेद की चिकित्सा करने वाले वैद्य आरोग्य का देवता कहते हैं।
 कार्यक्रम के संचालन कर रही श्रीमती मनीषा सिंह ने कहा की अमृत वितरण के पश्चात देवराज इंद्र की प्रार्थना पर भगवान धन्वंतरि ने ‘देव वैद्य’ का पद स्वीकार कर लिया। गोष्ठी में कई  प्रदेशों के चिकित्सा प्रकोष्ठ योग, आयुर्वेद व एक्यूप्रेशर थैरेपिस्टों का स्वागत अभिनंदन किया। गोष्ठी में उपस्थित सम्मानित सदस्यों; रामबाबू, किरण भिड़े, धनेश्वर,जगत नारायण,विनीता गिट्टानी, रमेश कटारिया अपने ह्रदय के उदगार व्यक्त करने के साथ स्वस्थ्य जीवन जीने और समाज को स्वस्थ रखने हेतु संकल्प लिया l