बस्ती । अनन्य विशेष न्यायाधीश एस.सी., एस.टी. एक्ट शिवचन्द ने खीरीघाट भटोलवा निवासी दिनेश प्रसाद मिश्र, रंजीत चौराहा निवासी मन्नू पाण्डेय, खीरीघाट भटोलवा निवासी बब्लू राजभर और चईयाबारी निवासी यार मोहम्मद को हरिजन उत्पीड़न आदि के मामले में साक्ष्यों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुये दोष मुक्त करने का आदेश दिया है।
घटनाक्रम के अनुसार दिनेश मिश्र बाईस आफ लखनउ के पत्रकार हैं। घटना दिनांक 189.08.2013 को विजय प्रकाश मिश्र रंजीत चौराहे के पास उनकी आफिस थी जो कि. उसके किरायेदार थे। उस आफिस में उस समय दिनेश मिश्र के अलावा लक्ष्मी देवी पुत्री बालकदास निवासी पचपेड़िया भी काम करती थी। दिनेश मिश्र ने भानपुर के पास विद्यालय खोल रखा था जिसमें लक्ष्मी देवी प्रधानाचार्य के रूप में काम करती थी। उस दौरान लक्ष्मी देवी ने बच्चों की छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन किया था जिसकी जांच करने के उपरान्त प्रधानाचार्य लक्ष्मी देवी को प्रधानाचार्य के पद से कार्यमुक्त कर दिया था तथा इस संबंध में दिनेश मिश्र ने लक्ष्मी देवी के विरुद्ध मुकदमा किया था जिससे नाराज होकर प्रस्तुत प्रकरण को लक्ष्मी देवी की मां शान्ती देवी ने झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज करा दिया। लक्ष्मीदेवी ने विद्यालय से निकाले जाने के बाद दिनेश मिश्र के विरूद्ध दहेज उत्पीड़न का मुकदमा किया था तथा दिनेश के विरूद्ध अंतर्गत धारा 376 मा०द०सं० का मुकदमा दर्ज कराया था जो अनन्य विशेष न्यायाधीश एस.सी., एस.टी. एक्ट न्यायालय में लम्बित है। दिनांक 19.08.2013 को सुबह लगभग 8.30 बजे दिनेश मिश्र से किसी का कोई विवाद नहीं हुआ था। दिनेश मिश्र के विरूद्ध प्रस्तुत प्रकरण केवल दुर्भावना से ग्रसित होकर दिया गया।
उक्त के विरूद्ध पचपेडिया निवासी शान्ती देवी पत्नी बालकदास ने उक्त के विरूद्ध भादवि की धारा 323, 341, 504, 506 एवं एससी, एसटी एक्ट के तहत कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, कृष्ण मुरारी उपाध्याय और बंशीधर पाण्डेय ने पैरवी किया। प्रकरण में 13 जुलाई 2023 को फैसला सुनाया गया।