अनुराग लक्ष्य, 17 अक्टूबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
मासिक काव्य गोष्ठियों की श्रृंखला में , बज़्म ए याराने अदब, की 18 वीं तरही काव्य गोष्ठी गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी के दिये गए मिसरे,
1/ मैं क्या करूं जो तिरा दर्द बेकरार करे, और
2/ मुंतजिर थी यह आँखें जिसका इक ज़माने से,
पर शो अ रा हज़रात अपने अपने कलाम सुनाएंगे।
यह तरही काव्य गोष्ठी हमेशा की तरह एस एम क्लासेज, धारावी रोड, निकट माहिम स्टेशन बब्बन कंपाउंड में आयोजित किया गया है। जो 27 अक्तूबर शाम 3 बजे आयोजित होनी सुनिश्चित है।
इस अवसर पर नशिस्त के आयोजक इमरान अताई ने ज़्यादा से ज्यादा तादाद में लोगों से शिरकत की अपील की है।