शौर्य प्रदर्शन और राष्ट्ररक्षा सम्मेलन के साथ आर्य समाज वार्षिकोत्सव संपन्न

बस्ती – आर्य वीर दल शौर्य प्रदर्शन व राष्ट्र रक्षा रक्षा सम्मेलन के साथ आर्य समाज नई बाजार बस्ती का 51वां वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती ने आर्य वीरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आर्य वीर और वीरांगनाओं ने प्राचीनकाल से ही राष्ट्र रक्षा में अपने जीवन की आहुति दी है। वैदिक संस्कृति का ज्ञान प्राप्त करके ही वशिष्ठ आश्रम में राम, संदीपनी आश्रम में श्रीकृष्ण और चाणक्य आश्रम में चन्द्रगुप्त आदि का निर्माण होता है जिन्होने अपने ज्ञानबल से अज्ञान, क्षात्रबल से अन्याय व धनबल से अभाव को दूर किया है। उन्होने माना कि आज देश में ऐसे चरित्रवान युवाओं की आवश्यकता है जो देश धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार हो। इस अवसर पर आचार्य सुरेश जोशी ने कहा कि आर्य वीर सच्चरित्र व राष्ट्रभक्त होता है जो अपने सुकर्म से सबको अनुप्राणित करता रहता है। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा आर्य वीर दल से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। इस अवसर पर सभा में उपस्थित सबसे छोटे बच्चे वेद प्रकाश और सबसे बड़ी उम्र के श्री राधेश्याम आर्य को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद, पण्डित योगेश दत्त आर्य, पण्डिता रुक्मिणी देवी आदि विद्वानों ने समाज में आर्य वीरों व वीरांगनाओं की उपयोगिता पर बल दिया और कहा कि वेद प्रचार के लिए इन्ही युवा शक्ति की आवश्यकता है। संचालकीय उद्बोधन में आचार्य सुरेश जोशी ने कहा कि आज देश में जितने घोटाले हुए है उन सबका मूल वैदिक संस्कृति से भटकाव ही है। यदि हम अपनी इस वैदिक संस्कृति की पहचान खोने का प्रयास करेंगें तो हम समाप्त हो जायेगें ऐसा उद्घोष करते हुए महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेदों की ओर लौटो का नारा देते हुए स्वदेशी का शंखनाद किया। उनके इस आवाहन पर पूरा देश एक हो गया और क्रांतिकारियों की एक लम्बी फौज तैयार हो गयी। आर्य वीर दल पूरे मनोयोग से वैदिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करता रहेगा। अंत में ओम प्रकाश आर्य ने कार्यक्रम में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी लोगों के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आदित्य नारायण गिरि, अंकित मद्धेशिया, देवव्रत आर्य, सुमन आर्य, द्रौपदी देवी, कंचनलता आर्य, रश्मि आर्य, रजनी आर्य, वशिष्ठ गोयल, लक्ष्मी प्रसाद, दिलीप कसौधन, ओंकार आर्य, राधेश्याम आर्य, आनन्द श्रीवास्तव, विश्वनाथ, राजेन्द्र जायसवाल, रामबाबू, उपेन्द्र आर्य, राजदेव, अजीत योगी, राजकुमार, योग शिक्षक बीपी शुक्ला, प्रमोद आर्षेय, रवि बरनवाल, ईश्वरचंद्र, विकास बरनवाल, नवल किशोर चौधरी, गिरजाशंकर दुबे, पिंकी आर्य, संतोष पांडे, हरिहर मुनि, देवव्रत आर्य, श्याम नारायण, राधेश्याम सिंह, शुभकरन आर्य, रंजीत, मिथिलेश, रोहित, राजकुमार, घनश्याम आर्य,प्रमोद कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।