कठपुतली ने गाए राम भजन

 

अयोध्या  18 फरवरी रामोत्सव का उल्लास, अयोध्या के “राम कथा पार्क” में गीत,संगीत,नृत्य के माध्यम से सभी को आकर्षित कर रहा है। अपराह्न सत्र में उमड़े दर्शको को कथा व्यास उज्ज्वल शांडिल्य जी महाराज ने मानस के प्रसंगों को सुना कर भाव विभोर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या के सत्र में अवध के शिवम मिश्र ने अपने दल के साथ कार्यक्रम के आरंभ में”इक बार जो रघुबर की कृपा हो जाए” गाकर रामलला की पुन:प्रतिष्ठा को स्वर दिया।इसके बाद तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार और श्रीराम जानकी बसे है मेरे मन में गाकर दर्शको के मन की बात मंच से करके सभी को अपने साथ जोड़ लिया। वाइब्रेंट आर्ट कल्चर सोसाइटी के कलाकारो ने श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन पर स्तुति करने के बाद अवध में मिथिला की होली पर लोकनृत्य प्रस्तुत किया तो एक बार वातावरण में होली का रंग घुल गया। लुप्तप्राय हो चुकी लोकविधा कठपुतली के माध्यम से श्रीनारायण श्रीवास्तव और उनके दल ने भारतीय लोक कला की समृद्धता को सिद्ध कर दिया। सूत्रधार के माध्यम से गणेश वंदना करने के बाद भजनों को श्रंखला पर कठपुतलियों का अभिनय,संचालन,संवाद ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हमारे साथ जब रघुनाथ,तो किस बात की चिंता पर कठपुतलियों के साथ सभी अपना स्वर मिलाने लगे।जबकि नारद प्रसंग ने सभी के चेहरे पर मुस्कान ला दी। रोहित कश्यप,दीप प्रकाश का कठपुतली संचालन प्रभावी रहा।
कथक नृत्य नाटिका “राम चरित्रम” में धनुष भंग,परशुराम लक्ष्मण संवाद और सीता स्वयंवर का प्रसंग डा. जया राय के दल ने प्रस्तुत किया। पात्रों की वेशभूषा आपसी तालमेल सबकुछ अद्भुत था। राम जानकी के जयमाल होते ही दर्शक तालियां बजाने लगे।पांडाल में छाए भक्तिमय वातावरण में डा.रचना श्रीवास्तव ने अवधी लोक गायन और लोक नृत्यों से राम जी की आराधना की।अंशिका,सोनम,जाह्नवी,सत्यम सिंह के साथ जनक जी के दरबार का प्रसंग “राजा जनक जी के द्वारे बड़ी भीड़,वीर सब आए” प्रस्तुत किया तो वही श्री अयोध्यापुरी में उमड़े भक्तों की श्रद्धा को स्वर दिया नीक लागे रे अवध नगरिया।इसके बाद होली गीत सुना कर मंच से प्रस्थान किया। लखनऊ से आई इशिका त्रिपाठी के दल ने रामकथा की प्रस्तुति नृत्य नाटिका के माध्यम से किया जिसमे अहिल्या उद्धार और सुबाहु वध का दृश्य दर्शको को स्तब्ध कर गया। राम सीता का विवाह होते ही पांडाल जय जय सियाराम के घोष से गूंजने लगा। पंजाब से आए शैलिका कंबोज के दल ने पारंपरिक “लूटी” नृत्य प्रस्तुत किया तो सभी झूमने लगे।दर्शको की तालियों से अभिभूत कलाकार मनजोत में पंजाब की “जुगनी” गाकर सभी के दिलो को जीत लिया। गहराती रात में उर्मिला पांडे के दल ने अपनी नृत्य नाटिका के माध्यम से मंच पर राम जन्म से लेकर रामजी के अयोध्या आगमन तक के प्रसंग प्रस्तुत किए तो दर्शक श्रद्धा भाव में अभिभूत हो गए। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने अपने अंदाज में किया। देर रात तक चले कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा लवकुश द्विवेदी ने सभी कलाकारों का सम्मान स्मृति चिह्न देकर किया।कार्यक्रम समन्वयक अतुल सिंह,विशाल सिंह,आरती,अरुण सोनकर,दिलीप शर्मा रितिका,दीपशिखा समेत भारी संख्या में दर्शक देर रात तक चले कार्यक्रम का आनंद लेते रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *