हिंदी का सम्मान करो ,
हिंदी भावों की ज्ञाता है।
जन जन की जननी है हिंदी,
कोमल हृदय अभिलाषा है।
संस्कार की प्रेरक है यह,
अतुल शक्ति की दाता है।
कवियों का सम्मान है हिन्दी,
हिंदी वीरो की गाथा है।
जन जन में मुखरित है हिंदी
यह आनंदो की दाता है ।
डॉक्टर अनुमोदिता शुक्ला