अयोध्या के गौरव कवि शैलेन्द्र ‘मासूम’ को मिला प्रतिष्ठित ‘तुलसी भाषा सम्मान 2024-25

 

तुलसी की परंपरा को नई ऊर्जा देने वाले कवि का हुआ युगानुकूल सम्मान, साहित्य जगत में हर्ष की लहर

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या धाम। भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या ने साहित्य के क्षेत्र में एक बार फिर नया इतिहास रचा है। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नाराकाश) अयोध्या के संयोजन में आयोजित एक भव्य समारोह में इस वर्ष का प्रतिष्ठित ‘तुलसी भाषा सम्मान 2024-25’ देश के प्रख्यात एवं महनीय कवि श्री शैलेन्द्र पाण्डेय ‘मासूम’ को प्रदान किया गया।
साहित्यिक योगदान और मानवीय सरोकार अयोध्या धाम को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले शैलेन्द्र ‘मासूम’ जी की रचनाएँ अपनी मार्मिक संवेदनशीलता और समसामयिक दृष्टि के लिए देशभर में विख्यात हैं। उनके गीतों में जहाँ एक ओर विश्व शांति और राष्ट्रीय एकता का संदेश मिलता है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक चेतना और समरसता का सशक्त स्वर भी झलकता है। वक्ताओं ने उनके कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने हिंदी साहित्य को न केवल समृद्ध किया है, बल्कि उसे नई ऊंचाइयां भी प्रदान की हैं। समारोह में उमड़ा जनसैलाब सम्मान समारोह में बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित विभिन्न जनपदों के उच्चाधिकारी, साहित्यप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उपस्थित वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि।श्री शैलेन्द्र ‘मासूम’ केवल अयोध्या धाम ही नहीं, बल्कि समूचे देश का साहित्यिक गौरव हैं। उन्हें मिला यह सम्मान हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति उनके दशकों के अमूल्य योगदान का सजीव प्रमाण है।
आयोजक: राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार। तुलसी भाषा सम्मान 2024-25 विजेता: प्रख्यात गीतकार श्री शैलेन्द्र पाण्डेय ‘मासूम’। राष्ट्रीय एकता और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित उत्कृष्ट रचनाधर्मिता। यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति का सत्कार है, बल्कि अयोध्या की उस समृद्ध साहित्यिक विरासत का सम्मान है जो सदियों से तुलसी की परंपरा को आगे बढ़ा रही है।