महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या, 26 नवंबर 2025 रामायण मेला समिति, अयोध्या द्वारा आयोजित 44वें रामायण मेले का बुधवार को भव्य शुभारंभ किया गया। इस पावन अवसर पर, महंत मिथिलेश नंदनी शरण जी ने संत तुलसीदास जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का औपचारिक श्रीगणेश किया। मुख्य आकर्षण अध्यक्षता आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता रसिक पीठाधीश्वर जनमेजय शरण जी महाराज ने की। पत्रिका विमोचन: इस अवसर पर तुलसी दल पत्रिका का भी विमोचन किया गया, जो मेले के साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाता है। रामलीला मंचन: हरे रामदास जी की मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए रामलीला के मनमोहक मंचन ने उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संतों और गणमान्यों की उपस्थिति मेले के उद्घाटन समारोह में समिति के संरक्षक और पूर्व सांसद डॉ. निर्मल खत्री जी, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास जी महाराज, नागा राम लखन दास, नंद कुमार मिश्रा पेड़ा महाराज, एसएन सिंह, प्रभात शर्मा, महंत शरद पति त्रिपाठी, डॉ. जनार्दन उपाध्याय, रामशरण दास रामायणी, श्रीनिवास पोद्दार, सरदार सुरेंद्र सिंह, चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स, इलाहाबाद रीजन डॉ. शिखा दरबारी, और बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे। मंच संचालन कमलेश सिंह ने कुशलतापूर्वक किया भगवान राम की शिक्षाओं का केंद्र इस अवसर पर अपने संबोधन में महंत मिथिलेश नंदनी शरण जी ने कहा कि “रामायण मेला एक ऐसा आयोजन है जो हमें भगवान राम की शिक्षाओं को याद दिलाता है और हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।” उन्होंने इस मेले को अयोध्या की संस्कृति और धार्मिक भावना का सच्चा प्रतीक बताया। 44 वर्षों की अटूट परंपरा
रामायण मेला समिति के संयोजक आशीष मिश्रा ने बताया कि यह मेला पिछले 43 वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है और यह इसका 44वां संस्करण है। उन्होंने जानकारी दी कि आगामी दिनों में इस मेले में रामायण के विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया जाएगा और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होगा।