नारी-स्वाभिमान के खिलाफ है आई.ए.एस. की टिप्पणी-राजेन्द्रनाथ तिवारी

ब्राह्मण बेटियों पर अपमानजनक टिप्पणी से नाराज बीजेपी नेता ने पीएम को भेजा पत्र

भाजपा नेता राजेन्द्रनाथ तिवारी ने पीएम को भेजा पत्र, ब्राह्मण बेटियों पर टिप्पणी से नराजगी

नारी-स्वाभिमान के खिलाफ है आई.ए.एस. की टिप्पणी-राजेन्द्रनाथ तिवारी

बस्ती ( अनुराग लक्ष्य न्यूज )  मध्य प्रदेश के आई.ए.एस. संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण बेटियों के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी पर कठोर कार्रवाई के लिये वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्रनाथ तिवारी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होने प्रत्येक समुदाय की सामाजिक गरिमा व सुरक्षा सुनिश्चित कराने की मांग किया है। आपको बता दें मध्य प्रदेश के आई.ए.एस. ने ब्राह्मण समुदाय की बेटियों के संबंध में अत्यंत अपमानजनक, अशोभनीय एवं सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी की है।

 

ऐसी टिप्पणी न केवल किसी विशेष समुदाय पर आघात है, बल्कि भारत के संविधान, नारी-सम्मान, तथा समानता के आदर्शों पर भी अनुचित प्रहार है। शासन-प्रशासन से जुड़े किसी भी अधिकारी से ऐसी भाषा की अपेक्षा नहीं की जा सकती। संतोष वर्मा ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है, सभ्य समाज में ऐसे विचारों की कोई जगह नहीं है। प्रधानमंत्री ने अनेक बार स्पष्ट किया है कि देश जाति के नाम पर नहीं, सामूहिक विकास और समान अधिकारों के आधार पर आगे बढ़ता है।

 

इसी प्रकार पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा भी बार-बार यह कहा गया कि आरक्षण उन तक पहुँचना चाहिए जिन्हें वास्तविक आवश्यकता है, न कि उन लोगों तक जिन्हें दोहरा लाभ मिल चुका है। ऐसे में यह प्रश्न स्वाभाविक है कि जब किसी समुदाय ने कोई दोष नहीं किया, तो केवल जातिगत पूर्वाग्रह के आधार पर उसकी बेटियों का अपमान क्यों? यह नारी-स्वाभिमान, परंपरा-सम्मान और सामाजिक गरिमा तीनों का उल्लंघन है।

 

वरिष्ठ भाजपा नेता ने उपरोक्त प्रकरण की निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जाँच कराने की मांग किया है ताकि तथ्यों की सत्यता स्पष्ट हो सके। उन्होने यह भी आग्रह किया है कि आरोप सत्य पाए जाएँ तो संबंधित अधिकारी पर सेवा आचरण नियमों के अंतर्गत कठोरतम अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सभी राज्यों के अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए जाएँ कि किसी भी समुदाय, विशेषकर महिलाओं, बेटियों के प्रति अपमानजनक भाषा का कतई न किया जाये, यदि कोई करता है तो ऐसे मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जाये और त्वरित कार्यवाही की जाये।