लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में शुक्रवार को 10 दिवसीय खादी महोत्सव–2025 का भव्य शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने दीप प्रज्ज्वलन, फीता काटकर तथा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। महोत्सव में प्रदेशभर से आए 160 से अधिक उद्यमियों द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर खादी और ग्रामोद्योग से निर्मित उत्पादों का आकर्षक प्रदर्शन किया जा रहा है।मंत्री राकेश सचान ने अपने उद्बोधन में कहा कि खादी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबन और स्वदेशी विचार की आत्मा है तथा आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में खादी एक बार फिर राष्ट्रीय पहचान और आत्मनिर्भरता का शक्तिशाली प्रतीक बनकर उभर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में आयोजित खादी–ग्रामोद्योग प्रदर्शनियों ने ग्रामीण उत्पादों को मजबूत बाजार उपलब्ध कराया है। पिछले वर्ष 20 प्रदर्शनियों में 2000 से अधिक इकाइयों की भागीदारी और 44.38 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है।मंत्री ने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से वर्तमान में 3,90,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2025 में 66,640 युवाओं को टूलकिट वितरित कर स्वरोजगार से जोड़ा गया है। दोना मेकिंग मशीन, पॉपकॉर्न मशीन, हनी बॉक्स और विद्युत चालित चाक जैसी मशीनें ग्रामीण महिलाओं और युवाओं की आजीविका सुदृढ़ कर रही हैं।समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उद्यमियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए गए।मेरठ के दीपक कुमार को प्रथम पुरस्कार, गोण्डा की ममता को द्वितीय पुरस्कार तथा हाथरस के संजय सिंह को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा चयनित लाभार्थियों को दोना मेकिंग मशीन, पॉपकॉर्न मशीन, हनी बॉक्स तथा विद्युत चालित चाक वितरित किए गए। पगमिल श्रेणी में चयनित पप्पी को भी उपकरण प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ने बताया कि आधुनिक डिजाइनों और तकनीकों ने खादी को युवाओं की पहली पसंद बना दिया है। निफ्ट एवं फैशन शो की सहभागिता ने खादी को नया स्वरूप दिया है। अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से खादी उत्पादों की राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर पहुंच में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे कारीगरों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।अधिकारियों ने लखनऊवासियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर खादी उत्पादों की खरीदारी करने और ग्रामीण कारीगरों को समर्थन देने की अपील की। 10 दिवस तक चलने वाला यह महोत्सव खादी की परंपरा, आधुनिकता और आत्मनिर्भरता का सशक्त संगम प्रस्तुत कर रहा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वदेशी उद्योग को नई गति देने में अहम भूमिका निभाएगा।