गुरु का पतन — शिक्षा के मंदिर में बढ़ता अंधकार

✍ नेहा, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

गुरु… वह शब्द, जो जीवन में ज्ञान, संस्कार और उजाले का प्रतीक है। गुरु का महत्व हमारे शास्त्रों में सर्वोपरि बताया गया है—सुंदरकांड की चौपाई से लेकर श्रीमद् भागवत गीता तक। भगवान श्रीकृष्ण स्वयं अर्जुन के गुरु बनकर गीता का अमृतपान कराते हैं।

लेकिन, आज जब हम अपने आस-पास देखते हैं, तो कहीं न कहीं यह पवित्र छवि दागदार होती नज़र आ रही है।

हाल ही में देश और प्रदेश से कुछ ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने शिक्षा जगत को झकझोर दिया।

राजनांदगांव के महोबा प्राइमरी स्कूल में छात्राओं से अश्लील हरकत का मामला सामने आया। बच्चियों ने डर और शर्म के कारण पहले चुप्पी साधी, लेकिन जब सहन नहीं हुआ, तो उन्होंने स्कूल जाने से मना कर दिया। 6 अगस्त को पैरंट्स मीटिंग में बात खुली और 7 अगस्त को लिखित शिकायत दी गई।

दुर्ग के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में, एक प्रिंसिपल ने बच्ची को केवल “राधे-राधे” कहने पर मारा।

बलरामपुर में, शराब के नशे में धुत एक शिक्षक, चड्डे और टी-शर्ट में स्कूल पहुंचा और बच्चों के सामने शराब पीने लगा।

ये घटनाएं केवल खबरें नहीं हैं, बल्कि हमारे समाज और शिक्षा व्यवस्था की गंभीर बीमारी का लक्षण हैं।

शिक्षक… जो कभी बच्चों के जीवन निर्माता कहे जाते थे, वे अब कई जगह भय और असुरक्षा के कारण बन रहे हैं। कई बार अपराधियों पर कार्रवाई होती है, कुछ निलंबित होते हैं, कुछ मामलों की जांच चलती रहती है, और कई मामलों को दबा दिया जाता है—क्योंकि दोषी “बड़े लोगों” के संरक्षण में होते हैं।

सबसे डरावनी बात यह है कि बच्चे शिकायत करने से डरते हैं। उन्हें लगता है—“अगर बोलेंगे तो करियर खराब हो जाएगा।” यही डर, यही चुप्पी अपराधियों को और ताकत देती है।

शिक्षा का मंदिर, जहां ज्ञान की ज्योति जलनी चाहिए, वहां आज अंधकार फैलता जा रहा है। यह केवल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। अभिभावकों को बच्चों से खुलकर बात करनी होगी, स्कूल प्रबंधन को पारदर्शिता लानी होगी, और दोषियों को किसी भी कीमत पर बचाना बंद करना होगा।

गुरु का स्थान भगवान से ऊपर कहा गया है—लेकिन यह सम्मान केवल वही पा सकता है, जो गुरु पद की गरिमा निभाए। समय आ गया है कि हम यह सोचें—

क्या हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित, संस्कारी और उजाले से भरा भविष्य दे पा रहे हैं, या हम अपने ही हाथों से उनके सपनों पर अंधेरा फैला रहे हैं?