बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) आर्य समाज नई बाजार बस्ती के साप्ताहिक सत्संग में राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित आर्य वीर दल के बच्चों और आर्य समाज के सदस्यों ने वैदिक यज्ञ कर उनके प्रेरक जीवन को याद किया। यज्ञ के पश्चात योग शिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय ने बताया कि जिसकी सुकीर्ति है वहीं जीवित है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि रहे हैं। खड़ी बोली को काव्य के साँचे में ढालकर परिष्कृत करने का जो असाधारण कौशल इन्होंने दिखाया, वह अविस्मरणीय रहेगा। इन्होने राष्ट्र को जगाया और उसकी चेतना को वाणी दी है। ये भारतीय संस्कृति के यशस्वी उद्गाता एवं परम वैष्णव होते हुए भी विश्वबन्धुत्व की भावना से ओत-प्रोत थे। ये सच्चे अर्थों में इस राष्ट्र के महनीय मूल्यों के प्रतीक और आधुनिक भारत के सच्चे राष्ट्रकवि थे। उन्होंने भारत भारती की रचना कर देश को स्वतंत्र कराने के लिए लोगों को जगाया और स्वयं भी आजादी के लिए संघर्ष किया। इन्होंने बचपन में ही काव्य-रचना करके अपने पिता से महान् कवि बनने का आशीर्वाद प्राप्त किया था जो आगे चलकर फलीभूत हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नितीश कुमार, कार्तिकेय, महिमा आर्य, परी, रिमझिम, दृष्टि मोदनवाल, राजेश्वरी गौतम, वंश मोदनवाल, अंश कुमार, राम तनय, शताक्षी, अश्कृता मिश्रा, नीलम मिश्रा, मानवी जायसवाल, शालिनी मिश्रा, अंश, आर्यन, विश्वनाथ प्रसाद, श्रेयांश श्रीवास्तव, पुनीत राज, दिव्यांश राज, गणेश आर्य, धर्मेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, नवल किशोर आदि सम्मिलित रहे।