माता-पिता/ सास-ससुर की स्मृतियों को जीवंत रखने के उद्देश्य से अंजू श्रीवास्तव/ सुधीर श्रीवास्तव द्वारा स्थापित ‘विमला ज्ञान साहित्य मंच’ की प्रथम आभासी काव्य गोष्ठी का ‘शिव/सावन/रक्षाबंधन’ विषयक आयोजन 02जुलाई’2025 को किया गया। गोष्ठी शाम 5:00 बजे से रात्रि लगभग 08: 30 बजे तक निरंतर गतिमान रहकर भव्यता के साथ संपन्न हुई।
काव्यगोष्ठी का शुभारंभ वरिष्ठ कवयित्री डा. ज्योति कृष्ण की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात मंच संरक्षक डा. सुधीर श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में मंच के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विमला ज्ञान साहित्य मंच संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता तुल्य सास ससुर की स्मृतियों को सहेजने के उद्देश्य से किया प्रस्तुत किया। मार्गदर्शक डा. ओम ऋषि भारद्वाज ने अपने संबोधन में आयोजन में शामिल सभी सम्मानित मनीषियों का स्वागत करते हुए कहा कि मंच पूर्व में देश विदेश के लगभग 250 से अधिक साहित्यिक सामाजिक विभूतियों को ‘विमला ज्ञान स्मृति सम्मान’ से सम्मानित कर चुका है। संयोजिका डा. निधी बोथरा जैन ने आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि मंच आभासी काव्य गोष्ठी के अलावा भविष्य में साझा संकलन के प्रकाशन और अन्य साहित्यिक गतिविधियों के क्रियान्वयन की योजना पर विचार विमर्श कर रहा है। गोष्ठी के प्रारंभ से पूर्व रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच के संस्थापक शिवनाथ सिंह शिव, प्रणय साहित्यिक दर्पण के संस्थापक इंजी. प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव ‘प्रणय’, से. नि. एसडीएम/वरिष्ठ कवि संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी, आराधिका साहित्यिक मंच की सलाहकार डा.अनिता बाजपाई (वर्धा), कवयित्री डा. शशिकला अवस्थी सहित अनेक साहित्यिक मनीषियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव को उनकी उच्च भावना के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनके हुए मंच के उज्जवल भविष्य की कामना की।
तत्पश्चात् काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। लगभग 30 कवियों /कवयित्रियों ने शिव/सावन/रक्षाबंधन विषयक अपनी मनमोहक, उल्लासपूर्ण प्रस्तुतियों से काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।निधी बोथरा जैन, बसंत श्रीवास ‘वसंत’ ने कुशल मंच संचालन के द्वारा काव्यगोष्ठी को सफलता प्रदान की
आयोजन को सफल बनाने में विभिन्न मंचों के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कवियों, कवयित्रियों का सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय, गरिमामय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।
और अंत में संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव की ओर से डा. निधी बोधरा जैन एवं अवधेश श्रीवास्तव ने आयोजन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पदाधिकारियों, अतिथियों, साहित्यकारों का आभार ज्ञापित किया, जबकि गोष्ठी के विराम की घोषणा वरिष्ठ कवि शिव कुमार सिंह ‘शिव’ ने की।