परिषदीय विद्यालयों को बंद किये जाने के निर्णय पर भड़के शिक्षकः सौंपा ज्ञापन

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) परिषदीय विद्यालयों को बंद किये जाने के प्रदेश सरकार के निर्णय के विरोध में शिक्षकों का आक्रोश लगातार बढता जा रहा है। शनिवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक षिक्षक संघ प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल के नेतृत्व में पदाधिकारियों, शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी की प्रतिनिधि नायब तहसील के साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी और राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त महेश शुक्ल को ज्ञापन सौपा।

ज्ञापन देने के बाद संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि सरकार 50 छात्रों से कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को युग्मित किये जाने का अपना निर्णय वापस ले। यह पूरी तरह से गरीबों, वंचितों के पाल्यों के साथ विश्वासघात जैसा है। कहा कि प्राइमरी स्कूलों में प्री प्राइमरी शुरू कराया जाय। यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस न लिया तो बस्ती समेत प्रदेश के शिक्षक चुप नहीं बैंठेंगे और निर्णायक आन्दोलन छेड़ा जायेगा। उन्होने ग्राम प्रधान और विद्यालय प्रबन्ध समिति, प्रधानाध्यापकों का आवाहन किया कि विद्यालयों केे मर्जर प्रपत्र पर हस्ताक्षर न करे।

संघ के जिला मंत्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि एक तरफ तो सरकार सबको शिक्षा देने की बात करती हैं दूसरी ओर परिषदीय विद्यालयों को बंद किये जाने का निर्णय लिया जाता है। यह गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने जैसा है। सरकार शिक्षा विरोधी अपने निर्णय को तत्काल वापस ले।

ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से अभय सिंह यादव, सुदर्शन प्रसाद त्रिपाठी, राजकुमार सिंह, शैल शुक्ला, सन्तोष कुमार शुक्ल, इन्द्रसेन मिश्र, रामपाल चौधरी, चन्द्रभान चौरसिया, मारूफ खान, राजेश कुमार चौधरी, विनोद यादव, योगेन्द्र प्रसाद शुक्ल, रजनीश मिश्र, रीता शुक्ला, वैजनाथ सिंह, अंगद पाल, गुड्डू चौधरी, ओम प्रकाश पाण्डेय, राम प्रकाश यादव, बुधिराम यादव, आशुतोष शुक्ल, अखिलेश कुमार मिश्र, विजय प्रताप वर्मा, पीयूष मौर्य, वृजेश पाण्डेय, विवेक गौतम, मनोज कुमार, अरूण पाण्डेय, नवीन कुमार चौधरी, रघुवर दयाल, सचिन शुक्ल, सुनील कुमार पाण्डेय, रविन्द्रनाथ, उपेन्द्र पाण्डेय, राजकुमार पाल, वैभव प्रसाद, दिनेश कुमार वर्मा, अखिलेश पाण्डेय, राजीव कुमार पाण्डेय, दीपक कुमार गौतम, शशिकान्त दूबे, कल्पनाथ, अभिषेक जायसवाल के साथ ही संघ के अनेक पदाधिकारी और शिक्षक शामिल रहे।