उन्मुक्त उड़ान मंच पर “पत्रकारिता का महत्व और पत्रकार का कर्तव्य” पर हुआ विचार विमर्श

उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा आयोजित साप्ताहिक साहित्यिक आयोजन में इस बार “पत्रकारिता का महत्व और पत्रकार के कर्तव्य” विषय पर विशेष आयोजन किया गया। यह आयोजन मंच की संस्थापिका व अध्यक्षा डॉ दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ के दूरदर्शी मार्गदर्शन में संपन्न हुआ, जिसमें साहित्यप्रेमियों, लेखकों, ने सक्रिय सहभागिता की। संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’ के कुशल मंच संचालन में लगभग 20 रचनाकारों ने अपने लेखन से विषय को सार्थकता दी। इस विमर्श में यह स्पष्ट रूप से उभरा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, जो न केवल सूचना का स्रोत है, बल्कि समाज का दिशा-निर्देशन करने वाली चेतना भी है। रचनाकारों ने विचार साझा करते हुए कहा कि पत्रकारिता का कार्य केवल समाचार देना नहीं, बल्कि सत्य की निर्भीक अभिव्यक्ति, न्याय की रक्षा, और जन-स्वर को मंच देना भी है। पत्रकार को निष्पक्ष, निर्भीक और नैतिक मूल्यों से प्रेरित होना चाहिए। समाचार संप्रेषण में तथ्यों की पुष्टि, भाषा की शुद्धता और संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है।

नहीं, अपितु समाज की आवाज़ और उसकी अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व है।

डिजिटल युग में सोशल मीडिया के प्रभाव, फेक न्यूज़ की चुनौती और पत्रकार की भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा हुई। विरेन्द्र जैन माहिर, स्वर्णलता सोन ‘कोकिला’, दिव्या भट्ट ‘स्वयं’, वीना टण्डन ‘पुष्करा’, नन्दा बमराड़ा ;सलिला’, अरुण ठाकर ‘जिंदगी’, नीरजा शर्मा ‘अवनि’, विनीता नरूला ‘प्रसन्ना’, सुरेन्द्र बिंदल, सुरेश सरदाना, परमा दत्त झा, फूलचन्द्र विश्वकर्मा ‘भास्कर’, माधुरी श्रीवास्तव’यामिनी’अशोक दोशी ‘दिवाकर’, प्रजापति श्योनाथ सिंह “शिव”, नृपेन्द्र कुमार चतुर्वेदी ‘सागर’, डॉ राम कुमर झा ‘निकुंज’, अरुण सक्सेना ‘अकश’ आदि ने अपने जागरूक विचारों को रखा।

मंच की अध्यक्षा डॉ दवीना अमर ठकराल’देविका’ ने अपने उद्दबोधन में कहा -“पत्रकारिता केवल एक पेशा ही नहीं, यह जनतंत्र की आत्मा है। आज जब सूचनाएँ बाढ़ बन चुकी हैं, तब सत्य को पहचानने और उसे निर्भयता से कहने की शक्ति ही एक सच्चे पत्रकार की पहचान है।”

सप्ताह के कार्यक्रम में काव्य, निबंध और आलेख के माध्यम से अन्य विषयों ‘सम्मान पाने की होड़’ जलहरण घनाक्षरी में गीतात्मक वीडियो, अमर शहीद ‘वीर सावरकर’ की जन्मतिथि पर महान बलिदानी को श्रद्धांजलि, ‘नौतपा’ पर कविताओं ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ पर विविध दृष्टिकोणों भावों में सृजन वंदनीय रहा।इसी दौरान गत सप्ताह में आयोजित मातृत्व सप्ताह की चुनी हुई रचनाओं का संकलन डॉ कृष्ण कान्त मिश्र ‘कमल’ ने किया, इस विशेषांक का विमोचन अपने अनूठे अंदाज़ में सुरेशचन्द्र जोशी ‘सहयोगी’ ने किया। यह आयोजन नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ समाज में उत्तरदायी अभिव्यक्ति की भूमिका को रेखांकित करने वाला साबित हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी चयनित और सम्मानित रचनाकारों को अनुपम सम्मान पत्र प्रदान किए गए, जिनकी कल्पना और रचनात्मकता नीरजा शर्मा ‘अवनि’ और नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’द्वारा की गयी|

उन्मुक्त उड़ान मंच निरंतर साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों पर सशक्त विमर्श की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। मंच का उद्देश्य विचारों को स्वतंत्रता, रचनात्मकता और उत्तरदायित्व के साथ प्रस्तुत करना है।