जयन्ती पर याद किये गये चक्रवती सम्राट महापद्मानंद, बाबा साहेब

बस्ती। शनिवार को ऑल इण्डिया महापदमानन्द कम्युनिटी एजूकेटेड एसोशिएसन द्वारा हर्रैया विकास खण्ड के ग्रामसभा महादेवा में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मण्डल महासचिव एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी ठाकुर प्रेम नन्दबंशी के संयोजन में नन्दबंश के संस्थापक महाराज पदमानन्द और बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल, प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर वर्मा, मौलिक अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. शास्त्री, ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि नन्द वंश की स्थापना चक्रवती “सम्राट महापद्मानंद” के द्वारा की गई थी। उनका साम्राज्य कलिंग (वर्तमान ओडिशा) से शुरू होकर गंगा की सीमाओं के पार तक फैला हुआ था। नंद वंश के प्रथम शासक महापद्मनंद को “केंद्रीय शासन पद्धति” का जनक भी कहा जाता है। इनका संबंध नाई जाति से था। उनका विशेष योगदान है। वक्ताओं ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने कठिन समय में समाज को दिशा दिया। दोनों महापुरूषों की भूमिका सदैव याद की जायेगी।

कार्यक्रम संयोजक ठाकुर प्रेम नन्दबंशी ने आगन्तुकों का स्वागत करते हुये कहा कि नन्द वंश मगध पर शासन करने वाला पाँचवा राजवंश था। नंदवंश की नींव 344 ईसा पूर्व में “महापद्मानंद” द्वारा रखी गई थी। महापद्मानंद का संबंध नाई जाति से था। इतिहासकारों ने इन्हें कई उपाधियाँ प्रदान की हैं जिनमे से “एकारट” और “सर्वक्षत्रांतक” प्रमुख हैं। कहा कि बाबा साहेब ने इस परम्परा को आगे विकसित किया। संचालन शिवशंकर गौतम ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्याम बिहारी, डा. हरिकेश नन्दबंशी, बुद्धप्रिय पासवान, हृदयराम, कैलाशनाथ, गंगा प्रसाद कन्नौजिया, राम पियारे कन्नौजिया, हरिशंकर चौधरी, रामू प्रसाद, अशोक शर्मा, शुभ नरायन, राम सुमेर यादव, शोभाराम ठाकुर, डा. जे.पी. सेन, घनश्याम शर्मा, धीरज नन्दबंशी, राहुल नन्दबंशी, आलोक ठाकुर, बुद्धेश राना, बाबा ठाकुर, राम किशोर ठाकुर, बब्लू शर्मा, विजय शर्मा, उमाशंकर शर्मा, नन्दकिशोर उर्फ भोला शर्मा, चन्द्र प्रकाश गौतम, अवधेश ठाकुर, राम औतार पासवान के साथ ही अनेक संगठनों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।