महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । श्री राम चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा मरीजों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। अपनी कर्तव्यनिष्ठा और सेवाभाव के कारण वे न केवल अयोध्या जनपद बल्कि आसपास के कई जिलों के मरीजों के बीच भी अत्यंत लोकप्रिय हैं। अन्य चिकित्सकों के विपरीत, डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा प्रतिदिन सुबह ठीक 8 बजे चिकित्सालय में उपस्थित हो जाते हैं और ओपीडी खाली होने तक मरीजों का उपचार करते हैं। जबकि अन्य चिकित्सक अक्सर निर्धारित समय पर नहीं आते या दोपहर 2 बजे से पहले ही ओपीडी छोड़ देते हैं।
उनकी कर्तव्यनिष्ठा यहीं तक सीमित नहीं है। प्रत्येक चिकित्सक की 24 घंटे की इमरजेंसी ड्यूटी लगती है, जिसके बाद अधिकांश डॉक्टर अगले दिन अवकाश पर रहते हैं। लेकिन डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा इमरजेंसी ड्यूटी के बाद भी अगले दिन नियमित समय पर अपनी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। डॉ. विश्वकर्मा की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। गोंडा, बस्ती, बलरामपुर, बहराइच, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़ और बाराबंकी जैसे जनपदों से भी मरीज उनका यश सुनकर श्री राम चिकित्सालय में उपचार कराने आते हैं। जटिल रोगों से पीड़ित मरीज भी उनके उपचार से स्वस्थ होकर लौटते हैं। अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाने वाले डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा सभी मरीजों से बड़े सम्मान से पेश आते हैं। कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना सैकड़ों कोरोना मरीजों का उपचार कर उन्हें नया जीवन दिया था। यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने उस कठिन समय में ‘डॉक्टर भगवान का रूप होता है’ इस कथन को सत्य साबित कर दिखाया। बुजुर्ग, असहाय, बेसहारा, अपंग और निर्धन मरीजों के प्रति डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा हमेशा मन, वचन और कर्म से समर्पित रहते हैं। यही कारण है कि जब अन्य सभी डॉक्टर ओपीडी से जा चुके होते हैं, तब भी डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा की ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रहती है। हालांकि, डॉ. इंद्रभान विश्वकर्मा की यह लोकप्रियता कुछ चिकित्सकों और समाज विरोधी तत्वों को रास नहीं आ रही है। इसके बावजूद , मरीजों के लिए डॉ. इंद्रभान इंद्रभान विश्वकर्मा किसी मसीहा से कम नहीं हैं, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा।