अयोध्या पहुंचने पर संप्रदाय के संतों-महंतों ने रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य का किया भव्य स्वागत
महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या, 28 मार्च।रामभक्ति परम्परा और रामानंद संप्रदाय के मूल आचार्यपीठ श्रीमठ, पंचगंगा, काशी के वर्तमान आचार्य और जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज चैत्रीय नवरात्र और भगवान श्रीरामप्राकट्य महोत्सव के निमित्त श्रीअयोध्या धाम पहुंच चुके हैं। यह पहला अवसर है, जब रामानंद संप्रदाय के मूलपीठ के आचार्य चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त ( यानि 30 मार्च से 06 अप्रैल, 2025 तक) प्रभु श्रीराम के प्राकट्य धाम, अयोध्याजी में रहेंगे और समस्त मांगलिक प्रवृत्तियों को विधिपूर्वक संपादित करेंगे। पूरे नवरात्रकाल में उनका प्रवास श्रीराम आश्रम रहेगा, जो रामकोट स्थित कनक भवन के समीप है। कैसी होगी आचार्यश्री की दिनचर्या-श्रीराम आश्रम, अयोध्याजी के श्रीमहंत जयराम दास जी ने बताया कि जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्य जी महाराज का पावन चैत्रीय नवरात्र में शुभागमन और अनुष्ठान भूमि के तौर पर श्रीराम आश्रम का चयन समस्त रामभक्तों और रामानंदी वैष्णवों के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है। आचार्यश्री के सन्निधि एवं संरक्षण में संपादित होने वाले दैनिक अनुष्ठानों के बारे में श्रीमहंत जयराम दास जी ने बताया कि सुबह से देर शामतक विविध तरह की मांगलिक- आध्यात्मिक प्रवृतियां सभी नौ दिनों तक संपादित होंगी। सुबह 6 बजे से आठ बजे तक श्रीराममंत्र का सामूहिक जप होगा। इसके बाद साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक ऋगवेदीय पवमानसूक्त मंत्रों से भगवान श्रीराम का सामूहिक पूजन अभिषेक होगा। हवनात्मक श्रीरामयज्ञ प्रतिदिन प्रातः साढ़े दस से साढ़े 11 बजे तक चलेगा। फिर अगले एक घंटे तक आचार्यश्री का पूजन होगा। मध्याह्न में प्रसाद ग्रहण ( वैष्णवाराधन) के बाद विश्राम। सायं पांच बजे से विशिष्ट गायकों द्वारा बधाई गान, शाम 6 बजे से 8 बजे तक श्रीराम कथा और उसके बाद भगवान श्रीरामचंद्रजी की महाआरती होगी। महंत जयराम दासजी ने बताया कि आश्रम में सम्पूर्ण नवरात्र पर्यन्त वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्मरामायण एवं रामचरितमानस का पारायण सम्पन्न होंगे । उन्होंने बताया कि संपूर्ण नवरात्रकाल में आश्रमीय सभी सदस्य पूर्णतः व्रती होंगे और श्रीरामनवमी के दिन यानि 06 अप्रैल को रात्रि में परमप्रभु श्रीरामजी का प्राकट्य महोत्सव विशेष रुप से मनाया जाएगा।
रामलला का दर्शन करेंगे आचार्यश्री-नवरात्रि आयोजन की व्यवस्था देख रहे महंत श्याम दास उर्फ नागा बाबा ने बताया कि अयोध्या स्थित सभी मठ-मंदिर और आश्रमों से जुड़े संत-श्रीमहंत और महामंडलेश्वर संप्रदाय के प्रधान आचार्य जी के दर्शन, पूजन और सत्संग का लाभ उठा सकेंगे। इसी दौरान जगदगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज श्रीरामजन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी सहित सभी विशिष्ट मंदिरों में जाकर दर्शन-पूजन भी करेंगे। संतों के लिए अलग से भंडारे और सम्मान समारोह भी समायोजित है। क्या कहा जगदगुरु स्वामीरामनरेशाचार्य जी महाराज ने -चैत्रीय नवरात्र और श्रीरामनवमी पर्व के महात्म्य पर बोलते हुए जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज ने कहा कि श्रीसम्प्रदाय के परमाचार्य तथा परमाराध्य परब्रह्म श्रीराम का प्राकट्य चैत्रशुक्ल नवमीतिथि को हुआ था। सहस्त्राब्दियों पूर्व से त्रेता युग की यह तिथि कितनी पावन और सुहावन रही है कि आज भी उसकी महत्ता अनुपमरुप से प्रवाहित है। श्रीराम के प्राकट्य काल से ही उनकी भगवत्ता मानव कल्याण को प्रेरित करती रही है। यही कारण है कि गृहस्थ से साधु तक, रंक से राजा तक, मनुष्य से देवता तक वे सबके परमाराध्य हैं। हम सभी लोगों के सौभाग्य से परममंगलमय चैत्रीयनवरात्र सम्प्राप्त हो रहा है। किसी भी काम में अपने कल्याण के लिए शास्त्रनिर्दिष्ट साधना सम्पादित की जा सकती है, परन्तु भूमि आदि के समान काल भी विभिन्न रुपों में साधना के सम्पादक होते हैं। वैसे तो काल के वैचित्र्य से अनायास ही जनसामान्य सुपरिचित होता है।
साधना का सर्वाधिक उपयुक्त काल है चैत्रीय नवरात्र-जगदगुरु स्वामी रामनरेशाचार्य ने आगे बताया कि कि चैत्रीय नवरात्र साधना के लिए सर्वाधिक उपयुक्त काल है, जिसका प्रमापक है परमप्रभु श्रीराम प्राकट्य के रुप में महोत्सव का समापन नवमी तिथि को। वर्षारम्भ पहली तिथि से, शुभारम्भ की सार्थकता नवमी में श्रीरामजी को प्राप्त करके ही है। उन्होंने सभी कल्याणकामी महानुभावों से कहा कि आइए प्रस्तुत महोत्सव में विधिवत समर्पित होकर जीवन में रामराज्य की संस्थापना करें। अयोध्या में जगदगुरु जी का भव्य स्वागत-वर्षों के अंतराल के बाद श्री अयोध्या धाम पहुंचने पर रामानंदी वैरागी संत-महंतों और देशभर से आए भक्तों ने अपने पूज्य आचार्यश्री का भव्य स्वागत किया। श्रीराम आश्रम के श्रीमहंत जयराम दास जी और जबलपुर स्थित प्रेमानंद आश्रम के महामंडलेश्वर नागा बाबा श्याम दास जी महाराज के नेतृत्व में आचार्यजी का स्वागत-अभिनंदन विधि-विधान से किया गया। इस मौके पर आदि लोग उपस्थित थे।