रमज़ान के दूसरे अशरे में भी अल्लाह के बंदे अपनी अपनी इबादतों में हैं मशगूल,,,,

अनुराग लक्ष्य, I8 मार्च
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
,,,, रमज़ान का महीना बड़ी बरकतों का है,
यह बरकतों के साथ बड़ी अज़्मतों का है,
रोज़े भी रखो और तरावीह भी पढ़ो तुम,
रमज़ान का महीना बड़ी नेमतों का है,,,,,
जी हाँ, यह सब्र का महीना है। जिस भी बंदे ने अपनी भूख प्यास के साथ विशेष रूप से अपनी नमाजों और तिलावत ए कुरआन को गले लगाया, उसके लिए निजात है। साथ ही मार्फत ए इलाही को भी पा लेता है।
वैसे तो इस वक्त महराष्ट्र और खासकर मुंबई का तापमान दिन में ही 35/36 चल रहा है और इसके साथ ही गर्मी अभी से ही अपना रंग दिखाना शुरू कर चुकी है । ऐसे में कुछ दिक्कतें तो रोज़दारियों को ज़रूर देखने को मिल रही हैं लेकिन जो खुदा के नेक और सालेह बंदों के लिए यह धूप गर्मी और प्यास की शिद्दत कोई मायने नहीं रखती।
देखते ही देखते रमज़ान का दूसरा अशरा भी अपनी कामयाबी के साथ अपनी मंज़िल की तरफ ग़ामज़न है और अल्लाह के बंदे अपनी इबादत से अपने रब को मनाने में लगे हुए हैं।
आपको बताते चलें कि इस बार रमज़ान के महीने में नेबू से लेकर फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। फिर भी रोजेदारों को अपने घर पर आफतारी तो करनी ही है और लोगों को आफ़्तारी की दावत में रोजेदारों को आफतारी करानी भी है। जो अभी तक इसका एहतमाम बखूबी किया जा रहा है।