नगर निगम ने टैक्स वसूली को लेकर अपनी कार्यवाही तेज कर दी है और अब 50 हजार रुपये से अधिक के सभी बड़े बकायदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के तहत विशेष ध्यान उन बकायदारों पर दिया जा रहा है जिन्होंने पिछले अकाउंटिंग ईयर का भी टैक्स नहीं जमा किया है। नगर निगम की योजना है कि पहले उन बकायदारों को नोटिस जारी किए जाएं जिन पर एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।इस सूची में सबसे पहला नाम रेलवे विभाग का है, जो 2002 से नगर निगम का सर्विस चार्ज नहीं चुका रहा है, जबकि नगर निगम हर साल रेलवे के लाखों टन कूड़े का निस्तारण भी करता आ रहा है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, रेलवे विभाग पर लगभग 220 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे और नॉर्दन ईस्टर्न रेलवे के अलावा अन्य विभागों का भी बड़ा बकाया शामिल है।इस बकाए का भुगतान न होने से नगर निगम को भारी नुकसान हो रहा है। रेलवे को इस बकाए के लिए नगर निगम ने 220 करोड़ रुपये का बिल भेजा है और अब सख्त कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है।शहर में एक करोड़ रुपये से अधिक टैक्स जमा करने वाले 81 बकायदार, 50 लाख रुपये से अधिक टैक्स जमा करने वाले 139 बकायदार और 50 हजार रुपये से अधिक के 26 हजार 300 बकायदार हैं। नगर निगम अब इन बकायदारों से बकाया राशि वसूलने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।नगर निगम ने टैक्स भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की है। नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर नागरिक अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर सकते हैं और हाउस टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।