स्वामी निजानंद बने प्रेम नगर आश्रम के महंत….. लक्ष्मण किला के अधिकारी सूर्य प्रकाश भी पहुँचे….

 

स्वामी आत्मानंद महाराज परम तपस्वी, अवतारी महापुरुष थे। जो प्रेमनगर आश्रम बरौली गोपालगंज, बिहार के संस्थापक महान विद्वान सिद्ध संत हुए। जिनसे प्रभावित होकर हजारों लोगों ने भक्ति में आकर भगवान की अनुभूति किया। ऐसे महापुरुष के प्रथम शिष्य सरलता, सौम्यता के धनी भगवत प्राप्त प्रेमनगर आश्रम के अध्यक्ष साकेतवासी महंत स्वरूपानंद महाराज के गुरुलोक धाम गमन के उपलक्ष्य में आयोजित षोडशी भण्डारो उनके एकमात्र विरक्त शिष्य उतराधिकारी महंत निजानंद के संयोजन में शिष्यों द्वारा किया गया। साकेतवासी स्वामी स्वरूपानंद परमहंस महाराज ने अपने उम्र को देखते हुए स्वस्थ अवस्था में ही आश्रम के सभी शिष्य-परिकर, सदस्यों के साथ विगत 2 वर्ष पूर्व ही आश्रम के परम्परा के अनुसार स्वामी निजानंद को गुरु दीक्षा, नाम करन पट्टाभिषेक कर अपने आश्रम का उतराधिकारी महंत हजारों भक्तों की उपस्थिति में नियुक्त किया था। ताकि आश्रम का भोग राग, उत्सव, दैनिक पूजन व सभी कार्यक्रम परम्परागत तरीके से हो सके। शिष्य परिकरों को भी निजानंद के रूप में एक नवयुवक सुयोग्य स्वामी मिला। निजानंद के उत्तराधिकारी महंत बनते ही। मठ में आए दिन उन्नति, प्रगति होने लगी। कथा सत्संग शिष्यों का नवयुवकों का जुड़ाव काफी बढ़ने लगा। स्वामी निजानंद ने अपने गुरु स्वामी स्वरूपानंद की खूब सेवा किया। तन, मन, धन से समर्पित होकर षोडषी भण्डारे में प्रातः समाधि पूजन, वैदिक रीति से हवन, सत्संग, भजन श्रद्धांजलि के उपरांत संत-महंतों, आए हुए हजारों भक्तों ने स्वामी निजानंद को चादर ओढ़ा, तिलक माला धारण कराकर महंत बनाया और भंडारे का प्रसादी ग्रहण किया। इस मौके पर गोपालगंज के महंत सत्यदेव दास, महंत रितेश दास, महंत बृजमोहन दास, अधिकारी सूर्यप्रकाश शरण लक्ष्मण किला अयोध्या , गणेश सिंह, अक्षयलाल नग, नारायण सिंह, नेहाल उपाध्याय, मंटू सिंह, योगेंद्र उपाध्याय, राजेश्वर सहनी, गजेंद्र दास, रामेश्वर चौधरी मिथलेश मिश्रा, संदीप मिश्रा आदि उपस्थित रहे। आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार प्रेम नगर आश्रम बरौली गोपालगंज