प्रयागराज। महाकुंभ में सड़क से घाट तक श्रद्धालुओं की भीड़ ही भीड़ है। 500 मीटर की दूरी तय करने में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जा रहा है। आज अमृत स्नान के समय दो बजे तक करीब 8000 लोग अपनों से बिछड़ गए। डिजिटल खोया-पाया केंद्र में अनाउंस कर उन्हें एक-दूसरे से मिलाया गया। इस केंद्र पर हर वक्त करीब 200 से 300 लोग ऐसे हैं, जो अभी अपनों के पास नहीं पहुंच पाए। उनके लिए लगातार अनाउंस किए जा रहे हैं।
देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। पहले दिन भीड़ इतनी रही कि 3700 लोग अपनों से बिछड़ गए। बाद में खोया-पाया केंद्र से अनाउंसमेंट कर ज्यादातर लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवाया गया।
महाकुंभ मेला प्रशासन ने मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भूले भटके लोगों के लिए शिविर और भूली भटकी महिलाओं और बच्चों के शिविर बनाया है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर जुटी भीड़ के दौरान परिवार से बिछड़ने वाले लोगों के लिए ये शिविर मददगार साबित होते रहे।
स्नान पर्व के दौरान लगातार भूले भटके लोगों के नामों की लाउडस्पीकर के माध्यम से उद्घोषणा होती रही। सभी घाटों पर इस तरह के शिविर बनाए गए हैं और बड़ी संख्या में लाउड स्पीकर स्थापित किए गए हैं, जिससे दूर तक और पूरी स्पष्टता के साथ आवाज पहुंच रही है। इन अनाउंसमेंट को सुनकर लोग अपनों तक तुरंत पहुंच पा रहे हैं। उनकी मदद को घाटों पर तैनात पुलिस बल भी पूरी मदद कर रहा है।