बाल दिवस पर विभिन्न खेलों का आयोजन
अम्बेडकर नगर।विवेकानन्द शिशु कुञ्ज सीनियर सेकेंड्री स्कूल एनटीपीसी टाण्डा अंबेडकर नगर में बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक भगवान बिरसा मुंडा, गुरु नानक जयंती एवं बाल दिवस वंदना सभा में मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार वर्मा ने भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी के रांची जिले के उलिहातु गाँव में हुआ था – जो अब झारखंड के खूंटी जिले में है – एक गुरुवार को (कुछ स्रोतों का दावा है कि उनका जन्म 18 जुलाई 1872 को हुआ था, न कि 1875 में) और इसलिए उस समय प्रचलित मुंडा प्रथा के अनुसार उनका नाम उस दिन के नाम पर रखा गया। बिरसा मुंडा आदिवासियों के भगवान हो गए और उन्हें ‘धरती आबा’ कहा जाने लगा।गुरु नानक जयंती पर संबोधित करते हुए कहा कि इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में नगर कीर्तन निकालते हैं और सुबह-सुबह प्रभातफेरी होती है। सिखों के 10 गुरुओं की शृंखला में गुरु नानक जी सबसे पहले हैं। वर्ष 2024 में 15 नवंबर को गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाएगा। सिख धर्म ने विश्व को मानवता की सेवा ही परम धर्म है का संदेश प्रत्यक्ष रूप से करके दिखाया है।विवेकानन्द शिशु कुञ्ज सीनियर सेकेंड्री स्कूल एनटीपीसी टाण्डा अंबेडकर नगर बाल दिवस के उपलक्ष में विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया जिसमें रस्सा कसी, खो – खो, क्रिकेट एवं कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित हुई।
द्वितीय से पंचम – सीताराम (रस्साकसी), अमित दुबे (कबडडी) व सीमा (खो खो)षष्ठ से अष्टम – अजीत (खो खो), हरिदेव (कबडडी) व प्रतिभा एवं दिलीप ( रस्साकसी)
नर्सरी से प्रथम – रंजना, मोनिका एवं ममता नवम एवं दशम – प्रेमचन्द्र (रस्साकसी), संजय (क्रिकेट), श्रीमती शिप्रा (खो खो), सुधीर मिश्र ( कबडडी)
एकादश एवं द्वादश – प्रवीण ( रस्साकसी) , राम अशीष (कबडडी) , सत्य प्रकाश ( क्रिकेट) एवं रीना एवं श्रीमती शैलजा (खो खो)
इस अवसर पर विद्यालय के यशस्वी प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार वर्मा ने भैया बहनों को संबोधित करते हुए खेल के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि खेल करने से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है।खेलने से मनोदशा सकारात्मक होती है और तनाव कम होता है।खेलने से सामाजिक संबंधों का विकास होता है. खेलने से सहयोग, नेतृत्व जैसे गुण विकसित होते हैं। विद्यालय के शारीरिक प्रमुख झारखंडेय यादव जी एवं वरिष्ठ आचार्य हरिशंकर तिवारी जी के नेतृत्व में खेलों का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य, आचार्या बहनें एवं भैया बहन उपस्थित रहे।