किसान रजिस्ट्री, केसीसी तथा डिजिटल क्रॉप सर्वे के काम में आयेगी तेजी -कृषि मंत्री

लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री  सूर्य प्रताप शाही द्वारा मंगलवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में किसान क्रेडिट कार्ड, डिजिटल क्रॉप सर्वे तथा फार्मर रजिस्ट्री के संबंध में समीक्षा बैठक की गयी। इसके साथ ही उन्होंने धान बुआई की डीएसआर तकनीक को क्रियान्वित किये जाने के संबंध में भी एक बैठक ली।
किसान क्रेडिट कार्ड, डिजिटल क्रॉप सर्वे तथा फार्मर रजिस्ट्री के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि किसान रजिस्ट्री का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत किसानों को किसान पहचान पत्र जारी किये जायेंगे। इसके लिए गॉवों में कैम्प लगाकर किसानों को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह रजिस्ट्री चार मोड में की जा सकेगी। पहला मोड वह स्वयं द्वारा, दूसरा मोड कामन सर्विस सेंटर द्वारा, तीसरा मोड सहायक द्वारा तथा चैथा मोड विभागीय कैम्प में शामिल होकर किसान स्वयं को रजिस्टर कर सकते हैं। उन्होंने बैकों से आये प्रतिनिधियों को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में गति तीव्र करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि गॉवों के नक्शों का मिलान ग्रामीणों के पास उपलब्ध नक्शों से करा लिया जाए। इस कार्यक्रम का संचालन राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर किया जाए।
बैठक में अपर सचिव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डा0 प्रमोद कुमार महेन्द्र, मुख्य ज्ञान अधिकारी राजीव चावला, प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि अनुराग यादव, कृषि निदेशक, कृषि विभाग के अन्य उच्चाधिकारी तथा बैकों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
धान बुआई की डीएसआर तकनीक (सीधे खेत में धान बुआई की तकनीक अर्थात जिसमें रोपाई नहीं करनी पड़ती) पर आयोजित बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने निर्देश दिये कि इस तकनीक को किसानों तक पहुंचाने से पूर्व इसकी सभी संभावित चुनौतियों पर विचार कर लिया जाना चाहिए। इसमें यह भी ध्यान रखना होगा कि यह तकनीक उ0प्र0 की कृषि परिस्थितियों पर प्रभावी हो।
इस बैठक के दौरान प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि अनुराग यादव, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के निदेशक सुधांशु सिंह तथा विश्व बैक के प्रतिनिधि अजीथा राधाकृष्णन उपस्थित रहे।
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