सरस्वती नगर, गोपालगंज। जे डी एस पब्लिक स्कूल सरस्वती नगर, गोपालगंज – बिहार में तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी व मेला का आयोजन पूर्वांचल महिला एवम् बाल विकाश संस्थान , उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के तत्वधान में आयोजित किया गया। 03 सितम्बर से 05 सितम्बर 2024 को इस अवसर पर प्रदर्शनी में रोचक भरी प्रतियोगिताओ का प्रदर्शन हुआ तथा बच्चों को ज्ञान और विज्ञान की जानकारी दी गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके ज्ञान की देवी मां शारदे की वंदना के द्वारा शुरुआत किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के डायरेक्टर डा० वी के सिंह को बैच लगाकर अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह एवम प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। सर ने बच्चो को बताया कि विज्ञान को तीन उपश्रेणियों में विभाजित किया गया है। ये उपश्रेणियाँ भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान हैं। सबसे पहले, भौतिकी ने हमें मशीनों के बारे में सिखाया। यह एक तार्किक विषय है।
इसके अलावा, दूसरा विषय रसायन विज्ञान है। रसायन विज्ञान एक ऐसा विषय है जो पृथ्वी के अंदर पाए जाने वाले तत्व से संबंधित है। इसके अलावा, यह विभिन्न उत्पादों को बनाने में भी मदद करता है। इसी से दवा और सौंदर्य प्रसाधन आदि जैसे उत्पाद बनते है जो मानव लाभ के लिए होते हैं तथा तीसरा जीवविज्ञान का विषय है, जीव विज्ञान एक ऐसा विषय है जो हमें हमारे मानव शरीर के बारे में सिखाता है। यह हमें इसके विभिन्न भागों के बारे में बताता है। इसके अलावा, यह कोशिकाओं के बारे में भी सिखाता है। कोशिकाएँ मानव रक्त में मौजूद होती हैं। सर ने बताया कि किस प्रकार से विज्ञान हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्वपूर्ण है। मुख्य अतिथि सचिव श्री नन्हू प्रसाद जी को बैच लगाकर माल्यार्पण, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह तथा प्रसस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया। सर ने बच्चों को बताया कि यह तो हम सभी जानते हैं कि भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। लेकिन क्या आप वास्तव में जानते हैं कि हम हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाते हैं? राष्ट्रीय विज्ञान दिवस महान भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा ‘रमन इफेक्ट’ के आविष्कार की याद में मनाया जाता है। इन्होंने बताया कि आज के युग में बिना विज्ञान के जीवन संभव नहीं है जो कुछ भी है सब विज्ञान की देन है, विशिष्ठ अतिथि प्राचार्य श्री मती मनीषा प्रसाद जी को बैच लगाकर अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह से स्वागत किया गया। इन्होंने बच्चों को अपने जीवन में विज्ञान के क्षेत्र में अधिक से अधिक सीखने के लिए प्रोत्साहित किया । इन्होंने जल प्रदूषण , मृदा प्रदूषण को रोकने और उससे होने वाले रोगों के रोकथाम के बारे में जानकारी प्रदान की। इन्होंने स्वदेशी वस्तु के निर्माण और उसके उपयोग के लिए बच्चों को प्रेरित किया। सर ने बच्चों के मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ते रहने के के लिए निरंतर प्रयास करते रहिए। इस बीच सभी बच्चों ने मानव कंकाल तंत्र, मानव मस्तिष्क, वैरोमीटर, टेलीस्कोप, दूरवीन, चुम्बकीय पथ, पेरिस्कोप, पेंडुलम, ज्वालामुखी इत्यादि मॉडल का अवलोकन किया।
: इस कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, मॉडल प्रतियोगिता तथा कला एवम् पेंटिंग प्रतियोगिता कराई गई इन प्रतियोगिताओं में जिन बच्चों ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया उन सभी बच्चों को इस कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी अध्यापक तथा अध्यापिकाएं उपस्थित रहीं। पूरा कार्यक्रम पी आई डा वशिष्ठमुनि पाण्डेय जी की देखरेख में संपन्न हुआ।
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