महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। प्रसिद्ध पीठ श्रीलवकुश मंदिर रामकाेट के पूर्वाचार्य महंत जयराम दास महाराज काे संताें ने शिद्दत से याद किया। माैका उनकी 22वीं पुण्यतिथि महाेत्सव का रहा। जाे आश्रम परिसर में निष्ठापूर्वक मनाई गई। मंगलवार को मंदिर प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई। सभा में अयाेध्यानगरी के विशिष्ट संत-महंताें ने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया। साथ ही उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान काे विभिन्न व्यंजनों का भाेग लगाकर पूजन-अर्चन किया गया। उसके बाद उनकी दिव्य आरती उतारी। तदुपरांत मठ में स्थापित साकेतवासी महंत की प्रतिमा पर पूजन-अर्चन कर आरती किया। श्रीलवकुश मंदिर के वर्तमान पीठाधिपति महंत रामकेवल दास महाराज ने आए हुए संत-महंताें का स्वागत-सत्कार किया। पुण्यतिथि पर पर संत-महंत और भक्तजनाें ने प्रसाद पाया। श्रीलवकुश मंदिर पीठाधीश्वर महंत रामकेवल दास महाराज ने कहा कि गुरूदेव विलक्षण प्रतिभा के धनी संत थे। वह बड़े ही संत व गाै सेवी रहे। जाे भजनानंदी संत थे। बराबर भजन-साधना में तल्लीन रहते रहे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। उन्होंने अयोध्याधाम में एक विशाल आश्रम का कार्यभार संभाला। उसके वह महंत हुए। जहां ठाकुरजी की सेवा संग गाै, संत, विद्यार्थी, अतिथि सेवा सुचार रूप से चल रही है। पुण्यतिथि पर निर्वाणी अनी के श्रीमहंत मुरली दास, धर्मसम्राट श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के उत्तराधिकारी व राष्ट्रीय संकटमोचन सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास, बाबा माधवदास, निर्वाणी अनी के महासचिव नंदराम दास, हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास, बड़ाभक्तमाल के महंत अवधेश दास, हनुमानगढ़ी गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज के शिष्य प्राचार्य डॉ. महेश दास, हनुमत सदन महंत अवधकिशाेर शरण, हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास, ध्यान भवन के महंत पवनकुमार दास, साकेत भवन महंत प्रियाप्रीतम शरण, हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, महंत रामदास, खलीलाबाद से कृष्णकुमार जयपुरिया, लवकुश मंदिर के पुजारी रामदास व ओमदास, नागा रामलखन दास, कल्लू दास, पूर्व पार्षद पुजारी रमेश दास आदि संत-महंत एवं मंदिर से जुड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर उपस्थित रहे।