उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने पेंशन बहाली समिति के अध्यक्ष के बयान की किया निंदा

 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने पेंशन और एनपीएस में सुधार की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष व केंद्रीय वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा है कि “*_पुरानी पेंशन व्यवस्था अब वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है और इसे लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू नहीं किया जा सकता_*”।
श्री द्विवेदी ने कहा कि केंद्रीय वित्त सचिव का बयान देश के करोड़ों कर्मचारियों का अपमान है। उनका बयान देश के करोड़ों कर्मचारियों के हित रक्षा के विपरीत है। वे केंद्र सरकार को गुमराह कर रहे हैं। सरकार ने उन्हें कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए ओपीएस व एनपीएस की समीक्षा के लिए बनी समिति का अध्यक्ष बनाया है किंतु वे अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे है। सरकार उन्हें तुरंत समिति से हटा देना चाहिए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद करके एनपीएस योजना को लाना पूर्णतः गलत निर्णय था। सरकार की ये ऐतिहासिक भूल थी। देश की मोदी सरकार को उक्त निर्णय की समीक्षा करके पूर्व में की गई भूल को सुधारने का मौका है, और यदि वे यदि ऐसा करतें है तो वे देश के करोड़ों कर्मचारियों के हीरों होंगे। ओपीएस की वापसी का साहसिक निर्णय पुनः सत्ता का मार्ग प्रशस्त करेगी।
श्री द्विवेदी ने कहा कि 20 साल बाद भी केंद्र व राज्य सरकारें देश के कर्मचारियों को एनपीएस स्कीम का लाभ बताने में नाकाम रही है। देश में आज भी नियुक्ति तिथि से एनपीएस को अपडेट करने में राज्य सरकारें पूरी तरह फेल हो गई है। एनपीएस स्कीम का रख रखाव भगवान भरोसे हो गया है। एनपीएस स्कीम की ठीक से जांच हो जाय तो राष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों का घोटाला सामने आ जाएगा है। सरकार को इस स्कीम को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
श्री द्विवेदी ने कहा कि *पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर देश के करोड़ों कर्मचारी मोदी सरकार को उम्मीद भरी नजर से देख रहे है। सरकार ने कर्मचारियों की उम्मीदों को तोड़ा तो उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर देश में एक दिन क्रांति आएगी, और पूरे देश के करोड़ों कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे। लोकतंत्र की सरकार एक दिन जनमत के आगे झुकेगी और देश में संघर्षों के दम पर ओल्ड पेंशन स्कीम पुनः लागू होगी।*

 

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