साधना साधनों की मोहताज नहीं होती -योगाचार्या सन्नो दुबे

 

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दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तहत योग प्रोटोकॉल के क्रम में जनपद में आयुष विभाग द्वारा निरंतर योगाभ्यास कराया जा रहा है इस कड़ी में आज जनपद बस्ती के रामपुर में बने महर्षि वशिष्ठ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती में योगाभ्यास कराते हुए योगाचार्या सन्नो दुबे ने कहा की साधना कभी भी किसी साधन की मोहताज नहीं होती है जिस तरह से बहता हुआ जल अपनी मंजिल तक पहुँच ही जाता है वैसे ही साधक या योगी योग क्रिया और साधना करते करते एक दिन स्वयं के मूल तक पहुँच ही जाता है।मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य मनोज कुमार ने योग कार्यशाला में भाग लिया और योग के प्रति अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा की नियमित रूप से किया जाने वाला योगाभ्यास मानव सभ्यता को एक नया आयाम देगा आज समूचा विश्व किसी वजह से जुड़ा तो वो है योग।डॉ वीरेंद्र त्रिपाठी ने योग को नितांत आवश्यक दैनिक क्रिया कलापों से जोड़ते हुए बताया की योग हमारी मनः स्थिती को ठीक रखता है जिससे हमारी कार्यक्षमता बढ़ जाती है। पूर्व आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी डॉ वी के श्रीवास्तव ने भी योग कार्यशाला में प्रतिभाग किया और आयुर्वेद और योग को एक ही परिवार का अंग बताया और कहा की योग हज़ारों सालों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और वर्तमान मोदी सरकार ने इसे संवारने और सहेजने का कार्य किया है यह एक सुनहला मौका है जिसका फायदा आम जनमानस को निश्चित रूप से उठाना चाहिए।योग वेलनेश सेंटर शंकरपुर में कार्यरत योगाचार्या सन्नो दुबे ने 21 जून को होने वाले 10वें विश्व योग दिवस के प्रोटोकॉल के अंतर्गत सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, ध्रुवासन, मंडूकासन, पश्चिमोत्तानासन, , सलभ आसन , ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन, कटि संचालन, भुजंगासन, भ्रामरी प्राणायाम कराया और इसके लाभ भी बताए एवं इन योगाभ्यासों को करते समय बरती जाने वाली सावधानी के विषय में भी चर्चा किया। योग प्रोटोकॉल के इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के डॉ एस एस केशरी, डॉ प्रियंका केशरवानी, डॉ अमित सिंह, डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्रा, डॉ आंनद बिहारी, के साथ अन्य स्टाफ एवं मेडिकल के छात्र -छात्राएं उपस्थित रहीं।

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