प्रतापगढ़(आरएनएस)। डा0 सोनेलाल पटेल मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला महिला चिकित्सालय मंे गरूड़ एजेन्सी द्वारा आउटसोर्सिंग से तैनात स्टाफ नर्स ने वार्ड वॉय पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्राचार्य डा0 सलिल श्रीवास्तव को आठ जून को दिए गये शिकायती पत्र में स्टाफ नर्स रोशनी ने लिखा है कि वार्ड वॉय अभिनव तिवारी मेरी ड्यूटी में पहुंचकर मानसिक उत्पीड़न करता है। वह अपने आपको गरूड़ एजेन्सी का प्रभावशाली व्यक्ति बताता है। अपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर प्रतिदिन मुझे मानसिक यातनाएं देता है। जिसके कारण दुःखी होकर मेरे मन में आत्महत्या करने का बुरा विचार आता है और आत्मगलानि महसूस करती हॅेू। सम्मान को बचाने के स्टाफ नर्स से प्राचार्य से उचित कार्यवाही की मांग की है। स्टाफ नर्स के पत्र से मेडिकल कालेज में हड़कंप मचा है।
प्राचार्य ने गठित की जॉच समिति-
स्टाफ नर्स के आरोपों की जॉच करने के लिए प्राचार्य डा0 सलिल श्रीवास्तव ने गुरूवार को महिला अस्तपाल की सीएमएस डा0 रीना प्रसाद, जेआर डा0 अनिल सरोज बालरोग विभाग व डा0 नवनीत कुमार पैथालाजिस्ट की तीन सदस्यीय टीम गठित की है। जिसे पॉच दिन मंे अपनी दिपोर्ट प्राचार्य को सौंपनी है। स्टाफ नर्सों का आरोप है कि बाद में दबाव बनाकर समझौता करा दिया जाएगा। ऐसा पहले भी हो चुका है।
मेडिकल कालेज मंे सब कुछ ठीक नहीं-
आउटसोसिंग से नियुक्त स्टाफ नर्स के साथ सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। छेड़खानी व मानसिक उत्पीड़न की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ को तो कालेज के जिम्मेदारों द्वारा बदनामी का हवाला देते हुए मामले को दबा दिया जाता है। स्टाफ नर्सों ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि गरूड़ ऐजेन्सी के जिम्मेदारों द्वारा नर्सों का शारीरिक शोषण किया जाता है। विरोध पर उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।
वार्ड वॉय ही लगाता है स्टाफ नर्स की ड्यूटी-
शारीरिक व मानसिक शोषण का शिकार हो रही नर्सों ने बताया कि वार्ड वॉय अभिनव तिवारी गरूड़ एजेन्सी के जिम्मेदारों का चहेता है। वह ही सभी नर्सों की डूरूटी लगाता है। ड्यूटी चार्ट पर नोडल अधिकारी डा0 वकील अहमद व हंसराज मौर्य की साइन करा ली जाती है। उनके पास अधिकार नहीं है वह केवल प्राचार्य को रिपोर्ट कर सकते हैं। मनमर्जी ड्यूटी की चाहत रखने वाली नर्सों का वार्ड वॉय के जरिए जिम्मेदारों द्वारा शोषण किया जाता है। नर्सो ने बताया कि वह प्राचार्य डा0 सलिल श्रीवास्तव का भी चहेता है।
ड्यूटी लगाने का अधिकार मेडिकल कालेज के पास क्यों नहीं-
आउटसोर्सिंग से नियुक्त स्टाफ की ड्यूटी गरूड़ एजेंसी के चहेतों द्वारा ही लगाई जाती है। उनकी ड्यूटी लगाने का अधिकार गरूड़ एजेन्सी ने मेडिकल कालेज प्रशासन को नहीं दिया है। ड्यूटी में काफी गड़बड़झाला है। आउटसोर्सिंग से नियुक्त सभी कर्मियों की चार्ट पर ड्यूटी लगाई जाती है। पर वास्तविकता में पच्चीस प्रतिशत से अधिक मेडिकल कर्मी ड्यूटी पर नहीं होते हैं। उनका मानदेय प्रतिमाह निकल रहा है। इस प्रतिशत मानदेय के अधिकतर हिस्से को गरूड़ एजेंसी हजम कर जाती है। यदि ड्यूटी लगाने का चार्ज मेडिकल कालेज प्रशासन को मिल गया तो गरूड़ एजेन्सी के इस गड़बड़झाले पर विराम लग जाएगा। बताया जाता है कि गरूड़ एजेन्सी से प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज में आउटसोर्सिंग से नियुक्त कर्मियों की देखरेख करने के लिए कोई अन्य ठेकेदार जिम्मा लिया है। वह अपने तरीके से सभी को हैण्डिल करता है।
पहले भी हो चुकी हैं छेड़खानी की घटनाएं-
मेडिकल कालेज की पढ़ाई कर रही छात्रा ने बीते फरवरी में दो डाक्टरों एसआर डा0 साहिल सिंह चौहान व जेआर डा0 धनन्जय सिंह पर छेड़खानी का आरोप लगाया था। प्राचार्य ने चॉच बैठाई। जिसमें डा0 धनन्जय सिंह को नौकरी से हॉथ धोना पड़ा जबकि डा0 साहिल सिंह चौहान से प्राचार्य ने सौ रूपए के स्टाम्प पर माफीनामा लिखवाकर उन्हें जीवनदान दे दिया।
उठाना होगा सख्त कदम-
मेडिकल कालेज को बदनामी से बचाने के लिए इस प्रकार की आए दिन हो रही घटनाओं पर प्राचार्य को सख्त कदम उठाना होगा। पूर्व की तरह यदि प्राचार्य ने हीलाहवाली बरती तो किसी दिन कोई गंभीर घटना घट सकती है।