हीट स्ट्रोक से सबंधित जारी किए गए 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर

लखनऊ। प्रचंड गर्मी से जीव जन्तु पशु पक्षियों समेत धरती पर रहने वाले सभी जीवों में व्याकुलता बढ गयी है। शनिवार को डॉ. राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो.सीएम सिंह ने प्रदेश वासियो से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में अत्यधिक गर्मी की लहर का दौर चल रहा है,यह हीट स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, इसलिए जब तक बहुत आवश्यकता न हो धूप में न निकले। अपनी सुरक्षा के लिए दी गयी सावधानियों  का अनुपालन जरूर करें। जिसमें डॉ.सिंह ने कहा कि प्यास न लगने पर भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें, धूप में निकलते समय छाता का प्रयोग करें, ढ़ीले और आरामदायक हल्के रंग के कपड़े कम से कम परतों में पहनें, अपने साथ गीला, गमछा रखें और उससे अपने सिर को ढ़कें, जब भी संभव हो छायादार जगहों पर आ जाएं, अनावश्यक शारीरिक गतिविधि या व्यायाम करने से बचें, व्यायाम घर के अन्दर ही करें, बच्चों और बुजुर्गों का विषेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उन्हें लू (हीट स्ट्रोक) लगने का खतरा ज्यादा होता है, खासकर दिन में 11 बजे से 4 बजे के बीच तक बाहर से निकलने से बचें।उन्होंने कहा कि संस्थान में इलाज के लिए आने वाले मरीजों से आग्रह करते हुए कहा कि कोई तकलीफ नही है तो आगे का समय सुनिश्चित करवा लें तथा हृदय और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के लिए सलाह में दी गयी दवाइयां लेना जारी रखें। 15 से 20 दिन में लगभग गर्मी कम हो जाने पर सम्बन्धित डॉक्टर से मिलकर अग्रिम परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा जारी हेल्पलाइन नम्बर पर हीट स्ट्रोक से संबन्धित किसी भी तरह की सहायता के लिए फोन कर सकते हैं। जारी किये गये आपातकालीन नम्बरों में 8189007827 एवं 8176007286 सोमवार से रविवार 24 घण्टे आपकी सेवा संचालित की गयी है।
हीट स्ट्रोक होने के लक्षणों में..
कमजोरी या थकान महसूस होना, बेहोसी या चक्कर आना,घबराहट होना, सिरदर्द होना, मिचली या उल्टी आना, व्यवहार में बदलाव या चिड़चिड़ापन होना।
हीट स्ट्रोक लक्षण होने पर सबसे पहले क्या इसके बारे में जानें..
पीड़ित व्यक्ति को छाया में ठण्डी जगह या पंखे के पास हवादार जगह पर ले जाएं, टाइट कपड़े हटा दें और षरीर पर केवल ढ़ीले कपड़े ही रहने दें, पीड़ित व्यक्ति पर गीला तौलिया रखें और शरीर को गीले कपड़े से पोंछते रहें, शरीर को ठण्डा रखने के लिए ठण्डे पानी या बर्फ का उपयोग कर सकते हैं,यदि मरीज होष में है और पानी पी सकता है तो उसे तरल पदार्थ देने का प्रयास करें। इसके अलावा मरीज को शिकंजी ,नीबू पानी देते रहें, यदि मरीज पूरी तरह से होश में न हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर आई.वी.फ्लूड लगवाएं तथा पीड़ित के स्वस्थ होने तक चिकित्सीय परामर्श लेते रहें।

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