मित्रता करो तो भगवान श्री कृष्ण सुदामा जैसी करो

बस्ती अप्रैल उर्मिला एजुकेशनल एकेडमी के परिसर में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सातवे दिन कथावाचक स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज  ने श्री सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष, शुकदेव विदाई एवं व्यास पूजन कथा का वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि मित्रता करो तो भगवान श्री कृष्ण सुदामा जैसे करो। क्योंकि सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताये ही मदद कर दे। परन्तु आजकल तो स्वार्थ की मित्रता रह गई है। भागवताचार्य ने अपने अगले प्रसंग में शुकदेव जी के द्वारा राजा परिक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाते है जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल जाता है। मुनि के श्राप का निर्धारित समय आने पर तक्षक राज परिक्षित को डस लेता है जिससे उनकी मृत्यु होती है लेकिन राजा परिक्षित भागवत कथा के प्रभाव से परमधाम को जाते है।
मुख्य यजमान धीरेंद्र शुक्ला व बागेश्वरी शुक्ला रही। चंद्र भूषण मिश्रा, सतप्रकाश त्रिपाठी, विनय शुक्ल, डॉ राजन शुक्ला, अशोक कुमार पांडेय, प्रिंस शुक्ल, नरेंद्र सिंह मौजूद रहे।

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