अनुराग लक्ष्य, 11 मार्च
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुम्बई संवाददाता ।
तुम्हारी खुशबू, तुम्हारी मिट्टी, तुम्हारी यादें रहेगी ज़िंदा दिलों में हर पल, यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि मौसीकी और गायकी की दुनिया में जो खालीपन आया है,
बहैसियत एक गीतकार के रूप में मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी कह रहा हूं कि जिस गायकी के ज़रिए पंकज उधास ने सरहदों पार हिंदुस्तानी ग़ज़ल को आवाम के बीच पहुंचाया, यह देश कभी पंकज उधास को नहीं भूल पाएगा। इन्हीं यादों को समेटे प्रयाग राज की पवित्र भूमि पर सबसे पहले पंकज जी को बतौर खेराज ए अकीदत उनकी याद में यह संगीत मयी श्रद्धांजलि अपने आप में एक मिसाल बन गई।
कनकधारा, ग्लोबल ग्रीन्स और सिविल लाइंस उद्योग व्यापार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में पदमश्री पंकज उधास जी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई जिसमें शहर के मानिंद नागरिक, कलाकार और व्यापरीकरण शामिल हुए । कार्यक्रम की शुरुआत सिविल लाइंस उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष नीरज जायसवाल, पार्षद पंकज जयसवाल, ग्लोबल ग्रीन्स के अध्यक्ष संजय पुरुषार्थी और कनकधारा की अध्यक्ष एवं सिविल लाइंस उपयोग व्यापार मंडल महामंत्री सुश्री स्वाति निरखी ने दीप प्रज्वलित करके की । स्मृतिशेष पद्मश्री पंकज उधास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मंच संचालन शरद मिश्रा ने किया और नामचीन कलाकारों ने कार्यक्रम में श्रद्धांजलि स्वरुप पंकज उधास द्वारा गाई गई ग़ज़लों से संगीतमयी श्रद्धांजलि सभा में एक के बाद एक ऐसा समां बांधा कि दर्शक और श्रोतागण झूम झूम उठे । कार्यक्रम में हरे राम द्विवेदी ने चिट्ठी आई है…शीर्षक गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की, तत्पश्चात गायिका स्वाति निराखी ने चांदी जैसा रंग है तेरा… गाकर समा बांध दिया प्रख्यात गायक मनोज गुप्ता जी ने एक तरफ उसका घर एक तरफ मैंकदा. को गाकर माहौल को पदमश्री पंकज उधास जी की स्वर लहरियों से ओतप्रोत कर दिया ।
पार्षद पंकज जयसवाल जी ने पंकज उधास जी को याद करते हुए कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए अपूपूर्णनीय क्षति है, साध उक्त आयोजन की परिकल्पना करने वाले ग्लोबल ग्रीन्स के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध उद्घोषक संजय पुरुषार्थी के उद्बोधन ने भी खासा समां बांधा
उन्होंने कहा कलाकारों को कोई प्रविडेंट फण्ड या पेंशन तो सरकार से मिलती नहीं तो देश के हर कलाकार को चाहिए कि कम से कम जब किसी भी कलाकार का निधन हो जाए तो सभी कलाकारों को एक होकर ऐसे ही श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपनी प्रवृत्ति बनानी पड़ेंगी और ऐसी ही स्व वित्त पोषित संस्थाओं को भी आगे आना होगा । अपनी बात खत्म
करते हुए संजय पुरुषार्थी ने कहा कि समय सब कुछ छीन सकता है पर आवाज़ नहीं । आवाज़ कभी मरती नहीं और कलाकार मर कर भी अमर हो जाता है ।
मशहूर गायक संदीप द्विवेदी ने
भी एक के बाद एक पदमश्री पंकज उधास की गाई कई ग़ज़लें सुना कर महफ़िल में चार चांद लगा दिया । गायक पंकज श्रीवास्तव ने उनकी चर्चित ग़ज़ल “थोड़ी थोड़ी पिया करो….
उसके बाद नीरज जायसवाल ने
सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इस मौके पर अनिल गुप्ता, अशोक जैन, अभिषेक सक्सेना,
आशुतोष गुप्ता, काजल कैथवास, पुष्कर कन्नौजिया, अनामिका श्रीवास्तव,सिमर चौधरी, पंकज सिंह, अवधेश निषाद, आशीष मालवीय, रवि नंदन सिंह, ओमहरि सिंह देशवाल, प्रियांशु सिंह, श्वेता श्रीवास्तव, कीर्ति जायसवाल,
शुभा मालवीय, अविनाश यादव,
मिताली, हिमानी रावत, ममता मालवीय, अंकित जैन, विभूति पाण्डेय, पवन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे ।