अक्षिता पढ़ने में शुरू से टॉपर रही है। 10 वीं में उसे 98 प्रतिशत अंक मिले थे। सुबह पूजा-पाठ करने के बाद मेरा और पत्नी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मैंने खुद उसे परीक्षा केंद्र तक छोड़ा और उससे कहा-आज काम ज्यादा है तो परीक्षा छूटने के बाद खुद ऑटो से आ जाना। मुझे क्या पता था कि ऐसी बुरी खबर मिलेगी…इतना कहकर पिता सतीश सिंह भावुक हो गए।
शहर के जटेपुर क्षेत्र के रहने वाले सतीश सिंह रेलवे में गार्ड हैं। उन्हाेंने बताया कि इस बार भी उसकी तैयारी बहुत अच्छी थी। टेस्ट में उसके 95 नंबर आए थे। पहला पेपर बहुत अच्छा हुआ था। वह ऑनलाइन नीट की तैयारी भी करती थी। इसीलिए, केमिस्ट्री की परीक्षा को लेकर भी तनाव नहीं था।
अक्षिता सबसे बड़ी है, एक बहन 10वीं में है और छोटा भाई कक्षा तीन में पढ़ता है। बेटी ने छत से छलांग क्यों लगाई… यह समझ से परे है। वह छोटी से छोटी समस्या के बारे में घर में सभी को बताती थी, लेकिन इस बार उसने ऐसा क्यों किया, यह समझ में नहीं आ रहा। सहेलियों से पूछा तो उन्हें भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वह भी यही कह रही थीं कि उनसे बात हुई तो सब ठीक था, लेकिन यह इतना अचानक हुआ कि किसी को कुछ पता नहीं चला।
*छात्रा के सिर में है चोट गंभीर, नाक से रक्तस्राव*
अक्षिता की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। शहर के आनंद लोक हॉस्पिटल में उसे आईसीयू में रखा गया है। पिता सतीश ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि अभी उसकी हालत बहुत अच्छी नहीं है। बाएं हाथ में भी चोट के निशान हैं। सिर में बाहर से कहीं भी चोट का निशान नहीं दिखाई दिया, लेकिन नाक के रास्ते काफी खून बह गया है।