अनुराग लक्ष्य, 3 फरवरी
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुम्बई संवाददाता ।
आप यकीन मानें कि अगर आपका धारावी के संगम गली से गुज़र होगा तो आपको तहज़ीब के शहर लखनऊ के अमीनाबाद की याद ज़रूर आयेगी। उसपे सोने पे सुहागा यह कि दो बुज़ुर्ग हस्तियां शहंशाह ए धारावी हज़रत पीर मौला अली शाह, और शहंशाह ए बगदाद सरकार ए गौस ए पाक का चिल्ला के साए मे यह दोनो भाई यूसुफ शेख और इम्तियाज शेख पूरी संगम गली को अपनी खुशबूदार अगरबत्ती और इत्र से पूरे माहौल को खुशनुमा बनाए हुए हैं।
पिछले 25 सालों से अपने नातिया कलाम और जलसे जुलूस के आयोजक के रूप में पूरी धारावी से लेकर मुम्ब्रा तक अपनी संजीदगी और काबलियत का डंका बजा रहे हैं।
हर आने वाला ग्राहक इम्तियाज़ भाई और यूसुफ भाई के एखलाक और मुहब्बत का दीवाना नज़र आता है। महिलाओं की पहली पसंद मेंहदी की खरीदी के लिए दूर दराज से महिलाओं का आगमन रोज़ सैकड़ों की तादाद में आती हैं। जिनको पूरी मुंबई से सस्ते दामों में और अच्छी क्वाल्टी की मेंहदी, अगरबत्ती और इत्र, परफ्यूम एक ही जगह मिल जाती हैं।
इस मौके पर मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी उनके इस बलंद किरदार से मोतअससिर होकर यह ज़रूर कहना चाहता हूं कि,
,,,हम खुशबू के वेयपारी हैं
दिल का वेयपार नहीं करते
हम प्यार तो सबसे करते हैं
पर, दिल पर वार नहीं करते,,,