राम रतन श्रीवास “राधे राधे” को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया 

बिलासपुर {छ.ग.} ज्ञान सदैव प्रकाशित होती है चाहे वह किसी भी स्थान पर रहे। छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव पिसौद जांजगीर-चांपा में जन्मे राम रतन श्रीवास “राधे राधे” एवं कर्म क्षेत्र- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर में कार्यरत, वर्तमान देवरीखुर्द बिलासपुर में निवास रत हैं, को दलित साहित्य अकादमी धमतरी के तत्वावधान में 21 जनवरी 2024 को प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह स्थान गोंडवाना भवन धमतरी छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रम अमर शहीद गैंदसिंह नायक शहीद दिवस के अवसर पर “शहीद वीर नारायण सिंह स्वाभिमान अवार्ड 2023” के उपलक्ष्य में अकादमी की प्रांतीय पुरस्कार चयन समिति ने भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा राम रतन श्रीवास को उनके शैक्षणिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक सेवा, में उत्कृष्ट एवं प्रभावोत्पादक योगदान के फलस्वरूप संस्था की ओर से “मानद उपाधि” से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टीका राम सारथी ( प्राचार्य डभरा), कार्यक्रम अध्यक्ष सुशीला देवी वाल्मीकि (महा संरक्षक भारतीय दलित साहित्य अकादमी), विशिष्ट अतिथि आदर्श शिक्षक बागेश्वर पात्र( नारायणपुर), श्री राधे श्याम कंवर( जांजगीर), अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सोहन पाल सुमनाक्षर तथा प्रांत अध्यक्ष श्री जी.आर. बंजारे “ज्वाला” की उपस्थिति में प्रदान किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मांँ शारदे की वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन जी. आर. बंजारे के द्वारा बेहतरीन अंदाज में किया गया।

डॉ. राम रतन श्रीवास “राधे राधे” को साहित्य के माध्यम से शतकों सम्मान के साथ , लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , ग्रेटेस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज हो चुके हैं। डॉ. “राधे राधे” के इस उपलब्धि पर साहित्यिक जगत के साहित्यकारों, बंधुओं, मित्रगणों, समाज ने हर्ष व्यक्त किया है। विभिन्न साहित्यिक मंचों के प्रमुख दायित्व को अवैतनिक रूप से शिक्षा, साहित्य सेवा कार्य कर रहे हैं जिसमें सह संस्थापक एवं अध्यक्ष – कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ , राष्ट्रीय महामंत्री – राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच सीतापुर बिसवां उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष– महात्मा बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव बोधगया बिहार , श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव अयोध्या, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव नई दिल्ली, जमशेदपुर साहित्य महोत्सव टाटानगर , भारतोदय लेखक संघ नई दिल्ली भारत, शारदा पीठ अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव, कोषाध्यक्ष – कवि लोक साहित्य परिषद छत्तीसगढ़ इत्यादि लगभग दर्जन भर से अधिक है।

हमारे संवाददाता को डॉ. राम रतन श्रीवास “राधे राधे” ने बताया कि यदि सच्चे मन से किसी भी क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति कार्य करता है तो वह व्यक्ति निश्चित ही नई आयाम को स्थापित कर सकता है या लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है, इसलिए नि: स्वार्थ भाव से बिना किसी फल की इच्छा किए बिना कार्य को पूरा करना चाहिए। इसलिए संत गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है –

कर्म प्रधान विश्व करि राखा।

जो जस करहि सो तस फल चाखा।

भगवान श्री कृष्ण जी ने भी अर्जुन को विश्व कल्याण के लिए श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है –

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

उन्होंने इस उपलब्धि को प्रदान करने के लिए दलित साहित्य अकादमी धमतरी के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए ,सभी साहित्यिक संस्था/मंच, साहित्यकारों, बंधुओं, मित्रगणों का हृदय तल से आभार व्यक्त किया।

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