छठ पूजा सूर्य उपासना व संतान की उत्पत्ति का सबसे कठिन महापर्व है

मातृ शक्ति का प्रतीक छठ पूजा उगते सूर्य को दिया गया अर्घ्यस्ती 20 नवंबर भारत देश आस्था व मान्यताओं का देश है पर भारत की मातृ शक्ति का कोई मिशाल नही,ये वो देश है जहां डूबते सूर्य की आराधना की जाती है और उगते सूर्य को अर्ध देकर समाप्त किया जाता है ।

छठ पूजा का प्रतीक है छठ पूजा, वैसे तो छठ पूजा पूर्वांचल के सबसे बड़ा त्योहार है पर ये अब धीरे धीरे पूरे उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भी मनाया जाने लगा है ,
छठ पूजा सूर्य उपासना व संतान की उत्पत्ति का सबसे कठिन महापर्व है,चार दिनों तक चलने वाला कठिन पर्व में महिलाएं स्वच्छ्ता के साथ इस पर्व को मनाती हैं ,
आपको बता दे कि इस पर्व में दो दिन आखिरी के बड़े महत्वपूर्ण होतें हैं, इन दो दिनों 36घंटे तक छठ वर्तियाँ निराजल व्रत रहती है।तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्द्ध देकर छठ पर्व समाप्त होता है।
आज छठी व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्ध देकर अपना व्रत समाप्त किया ,छठ व्रतियों का मानना है कि छठ मइया से भी मांगा जाता है वो जरूर पूरी होती है।
आपको बता चले कि बस्ती जिले के रूधौली नगर पंचायत के बुद्धि बाजार, सरघाट देवी मंदिर स्थित घाट पर भारी संख्या में छठ व्रती महिलाओं सूर्य को अर्घ देकर अपना व्रत पूरा किया।

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