अच्छाई और सच्चाई की हमेशा जीत होती है – आनन्द भूषण महाराज

बस्ती14 नवंबर संसार में बुराई चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न बन जाए। वह अच्छाई के सामने अधिक दिनों तक टिक नहीं सकता है। अच्छाई और सच्चाई की हमेशा ही जीत होती है। पापियों के पाप का घड़ा एक दिन अवश्य भरता है। जिस वजह से उसका अंत बड़ा ही दुखद तरीके से होता है। यह सद्विचार श्री अयोध्या जी के प्रसिद्ध कथाकार पूज्य आनन्द भूषण जी महाराज ने कप्तानगंज विकासखण्ड के देवरी गांव में श्री राम कथा के अंतिम दिन मगंलवार को व्यास पीठ से व्यक्त किया।
श्री राम कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि रावण वध के बाद प्रभु श्रीराम अयोध्या लौट आए। जहां उनका विधि विधान पूर्वक राज्याभिषेक किया जा रहा था। उस दौरान भगवान शिव समेत सभी ने राम जी से कुछ न कुछ याचना किया। इसी क्रम में राम जी ने सभी को कुछ न भेट करके विदा कर दिया लेकिन अंगद वहीं खड़े रह गए। राम ने कहा क्या बात है ? अंगद ने कहा प्रभु मैं नही जाऊंगा। क्योंकि मोरे प्रभु गुरु पितु माता, जाऊं कहां तज पद जल जाता। ऐसी स्थिति में राम ने अंगद को विदा कर दिया क्योंकि जीवन के क्रम में पहले मां, पिता, गुरु तब प्रभु की अर्चना होती है लेकिन अंगद ने पहले प्रभु, गुरु, पिता फिर माता कहकर क्रम तोड़ा। आज के परिवेश में भी पहले प्रभु के पास लोग जाते है लेकिन प्रभु का आशीर्वाद उसी को मिलता है जो बगैर क्रम तोड़े पहले माता, पिता, गुरु फिर प्रभु के पास जाता है। इस तरह मार्मिक वर्णन करते हुए राम राज्याभिषेक का वर्णन कर रामराज्य की व्याख्या की। श्री राम कथा में राज्याभिषेक के समय राजा रामचंद्र जी के जयकारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो गया। भगवान श्री राम की आरती उतारकर एवं फूल वर्षा कर राज्याभिषेक करने के बाद कथा का समापन हुआ।
इस अवसर पर दीनानाथ शुक्ल, रामशरण शुक्ल, राजेंद्र शुक्ल, राम निहाल, कौशल शुक्ल , आजाद शुक्ल, राम शंकर, घनश्याम शुक्ल, सुधीर शुक्ल, सुशील, शुभम शुक्ल, आकाश, शुभम , विपिन , रवि, सतीश शुक्ल, पुजारी, झिनमुन, मोहन, राजू, संजय, अंकित, श्रीपाल, सुरेश सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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