सच्चे अर्थों में नेहरू जी,
त्याग दया के थे प्रतिमूर्ति।
तेज झलकता था चेहरे पर,
थी उनमें अद्भुद स्फूर्ति।
थे धनाढ्य अति मगर उन्होंने,
कंटक पथ स्वीकार किया।
भौतिक सुख को दे तिलांजलि,
भारत मां से प्यार किया।
जेल गए, यातना सहे, पर,
तनिक न हिम्मत हारे।
आजादी के आंदोलन में,
अपना सब कुछ वारे।
प्राइ मिनिस्टर होने पर भी,
तनिक नही आराम किया।
अपने जन्म दिवस को “वर्मा”
बाल दिवस का नाम दिया।
बच्चे बहुत प्यार से इनको,
चाचा नेहरू कहते।
बच्चे तो बच्चे होते है,
मगन हमेशा रहते।
भांति भांति के खेल खेलते,
लगते बहुत निहाल।
यही कामना बाल दिवस पर,
रहो सदा खुशहाल।
प्यारे बच्चों करो सर्वदा,
भारत मां से प्यार।
करो बधाई बाल दिवस पर,
“वर्मा” का स्वीकार।
*डा वी के वर्मा*
चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय बस्ती